हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ- हिंदी भाषा की कितनी उपभाषाएँ है और बोलियाँ है? उपभाषा, बोली और भाषा किसे कहते है?हिंदी क्षेत्र क्या है/किसे कहते है?
हिंदी भाषी क्षेत्र/हिंदी क्षेत्र/हिंदी पट्टी:→ हिंदी पश्चिम में अंबाला (हरियाणा) से लेकर पूर्व में पूर्णिया (बिहार) तक तथा उत्तर में बद्रीनाथ-केदारनाथ (उत्तराखंड) से लेकर दक्षिण में खंडवा (मध्य प्रदेश) तक बोली जाती है। इसे हिंदी भाषी क्षेत्र या हिंदी क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र के अंतर्गत 9 राज्य→ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश तथा - 1 केंद्र शासित प्रदेश (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) दिल्ली आते हैं।
हिंदी की उपभाषाएँ व बोलियां:--
बोली:→ एक छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती।
उपभाषा:→ अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विस्तार हो जाता है तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।
भाषा:→जब साहित्यकार किसी उपभाषा को अपने साहित्य या रचना के द्वारा उसे पूर्ण रूप से सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं तथा उस उपभाषा का क्षेत्र विस्तृत हो जाता है तो वह उपभाषा, भाषा कहलाने लगती है।
एक भाषा के अंतर्गत कई उपभाषाएं होती हैं तथा एक उपभाषा के अंतर्गत कई बोलियां होती हैं।
हिंदी क्षेत्र की समस्त बोलियों को पांच भागों में बांटा गया है। तथा इन वर्गों को उपभाषा कहा जाता है। इन उपभाषाओं के अंतर्गत ही हिंदी की 17 बोलियाँ आती है।
प्रमुख बोलियों का संक्षिप्त परिचय:➖
उदाहरण:- कोई बादसा था। साब उसके दो राण्याँ थी। वो एक रोज अपनी रान्नी से केने लगा मेरे समान ओर कोइ बादसा है बी? तो बड़ी बोल्ले के राजा तुम समान ओर कोन होगा।
ब्रजभाषा:→ब्रजभाषा का केन्द्र मथुरा में है।ब्रजभाषा का प्रयोग मथुरा, आगरा, अलीगढ़, धौलपुरी, मैनपुरी, एटा, बदायूं, बरेली तथा आसपास के क्षेत्रों में बोली जाती है। बंगाल में इस भाषा से बनी भाषा का नाम 'ब्रज बुली' पड़ा। असम में ब्रजभाषा 'ब्रजावाली' कहलायी। परिस्थितियां ऐसी बनी की ब्रजभाषा साहित्यिक सिंहासन से उतार दी गई और इसका स्थान खड़ी बोली ने ले लिया।
उदाहरण:- एक मथुरा जी के चौबे हे (थे), जो डिल्ली सैहर कौ चले। गाड़ी वारे बनिया से चौबेजी की भेंट है गई। तो वे चौबे बोले, अर भइया सेठ, कहाँ जाएगो। वौ बोलो, महराजा डील्ली जाऊँगौ।
अवधी:→ अवधी का केंद्र अयोध्या/अवध में है। अवधी का प्रयोग लखनऊ, इलाहाबाद, फतेहपुर, मिर्ज़ापुर(अंशतः), उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, फैजाबाद, गोंडा, बस्ती, बहराइच, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, बाराबंकी इत्यादि में बोला जाता है।
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