Chapter-4 भारत में खाद्य सुरक्षा( Food Security in India)

NCERT Notes for CBSE/UP Class-9 Social Science, (Economic/अर्थशास्त्र) Chapter-4 भारत में खाद्य सुरक्षा (Food Security in India) Notes in Hindi.

🍁Class 9 Economics🍁

📚 अध्याय=4📚

🌺भारत में खाद्य सुरक्षा🌺

🌻Food Security in India🌻

💎खाद्य सुरक्षा :- खाद्य सुरक्षा से अभिप्राय सभी लोगों के लिए सदैव भोजन की उपलब्धता पहुँच और उसे प्राप्त करने का सामर्थ्य से है।

💎आपदा के समय खाद्य सुरक्षा कैसे प्रभावित होती है:-
• प्राकृतिक आपदा जैसे सूखे के कारण खाद्यान्न की कुल उपज में गिरावट आती है जिससे प्रभावित क्षेत्र में अनाज की कमी हो जाती है।
• खाद्यान्न की कमी से कीमतों में वृद्धि हो जाती है।
• कुछ लोग ऊँची कीमतों पर खाद्य पदार्थ नहीं खरीद सकते क्योंकि वे आर्थिक रूप से कमज़ोर होते हैं।
• अगर आपदा अधिक देर तक रहे तो भुखमरी की स्थिति बन जाती है और अकाल पड़ सकता है।

💎आपदा से खाद्य सुरक्षा को प्रभावित करने वाले कारक:- आपदा से खाद्य सुरक्षा का प्रभावित होना, सूखा तथा अनाज की कमी, कीमतों में वृद्धि, भुखमरी, अकाल के समय खाद्य सुरक्षा प्रभावित होती है।

💎खाद्य से असुरक्षित कौन है:-
• भूमिहीन
• पारंपरिक दस्तकार
• निरक्षर
• भिखारी
• अनियमित श्रमिक 
• अनुसूचित जन जातियाँ (आदिवासी) सर्वाधिक असुरक्षित है।

💎मौसमी भूखमरी :- जब खेतों में फसल पकने और फसल कटने के चार महीने तक कोई काम नहीं होता तो मौसमी भूखमरी की स्थिति पैदा हो जाती है।

💎खाद्यानों में आत्मनिर्भरता :- स्वतंत्रता के पश्चात् भारतीय नीति निर्माताओं ने खाद्यान्नों में आत्म निर्भरता प्राप्त करने के सभी उपाय किए। हरित क्रांति से यह आत्मनिर्भरता संभव हो पाई।

💎भारत में खाद्य सुरक्षा :- सरकार द्वारा सावधानिपूर्वक तैयार की गई खाद्य सुरक्षा व्यवस्था के कारण देश में अनाज की उपलब्धता और भी सुनिश्चित हो गई है। इस व्यवस्था के दो घटक है 1. बफर स्टॉक और 2. सार्वजनिक वितरण प्रणाली। 

💎भारतीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 :-
इसके तहत खाद्य एवं पोषण संबंधी सुरक्षा सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराई जा सके ताकि मानव गरिमामय जीवन निर्वाह कर सकें। इस अधिनियम के तरह 75 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या एवं 50 प्रतिशत शहरी जनसंख्या को लाभान्वित परिवारों में शामिल किया गया है।

💎बफर स्टॉक:- भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से सरकार द्वारा अधिप्राप्त अनाज, गेहूँ, और चावल के भंडार को बफर स्टॉक कहते है ।

💎न्यूनतम समर्थित कीमत :- भारतीय खाद्य निगम अधिशेष उत्पादन करने वाले राज्यों में किसानों से गेहूँ और चावल खरीदता है। किसानों को अपनी फसलों के लिए बुआई के मौसम से पहले से घोषित कीमते दी जाती है। 

💎सार्वजनिक वितरण प्रणाली :- भारतीय खाद्य निगम द्वारा अधिप्राप्त अनाज को सरकार विनियमित राशन दुकानों के माध्यम से समाज के गरीब वर्गों में वितरित करती है। इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी०डी० एस० ) कहते है ।

💎सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभ :-
• मूल्यों को स्थिर रखने में सहायता। 
• सामर्थ्य अनुसार कीमतों पर उपभोक्ताओं को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में सफलता ।
• कमी वाले क्षेत्रों में खाद्य पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका। 
• अकाल और भुखमरी की व्यापकता को रोकने में सहायता ।
• निर्धन परिवारों के पक्ष में कीमतों का संशोधन। 

💎गरीबों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए सरकार द्वारा लागू योजनाएँ:-
• रोज़गार गारंटी योजना ।
• दोपहर का भोजन ।
• संपूर्ण ग्रामीण रोज़गार योजना
• एकीकृत बाल विकास योजना
• गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम
• अंत्योदय अन्न योजना 
• अन्नपूर्णा योजना। 

💎अंत्योदय अन्न योजना :- अंत्योदय अन्न योजना दिसंबर 2000 में शुरू की गई थी इस योजना के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आने वाली निर्धनता रेखा से नीचे के परिवारों को सर्वेक्षण के द्वारा चुना ₹2 प्रति किलोग्राम गेहूँ ₹3 प्रति किलोग्राम की अत्यधिक आर्थिक सहायता प्राप्त दर पर प्रत्येक परिवार को 25 किलोग्राम अनाज उपलब्ध कराया गया। 

💎सहकारी समितियों की खाद्य सुरक्षा में भूमिका :- भारत में सहकारी समितियों भी खाद्य सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है जैसे :- सहकारी समितियाँ निर्धन लोगों को खाद्यान्न की बिक्री हेतु कम कीमत वाली दुकानें खोलती हैं। समाज के अलग- अलग वर्गों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है। अनाज बैंको की स्थापना हेतु गैर सरकारी - संगठनों के नेटवर्क में मदद करती है।


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