UP Board Class-10 Hindi( संस्कृत खण्ड) Chapter-1 वाराणसी: (संस्कृत-खण्ड)
📗Chapter-1📗
📗वाराणसी: (संस्कृत-खण्ड)📗
अवतरण का ससन्दर्भ हिन्दी अनुवाद
प्रश्न 1. वाराणसी सुविख्याता प्राचीना नगरी इयं विमलसलतरङ्गायाः गंगाया: कूले स्थिता। अस्याः घट्टानां वालयाकृति: धवलाया चंद्रिका बहु राजते। अगणिता: पर्यटका: सुदुरेभ्य: देशेभ्य: भ्रमणः नित्यम् अत्र आयान्ति, अस्याः घट्टानांचशोभां विलोक्य ईमा बहु प्रष्यन्ती । [ 2010, 14, 16]
सन्दर्भ- प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक 'हिन्दी' के 'संस्कृत-खण्ड' के 'वाराणसी' पाठ से लिया गया है।
हिन्दी अनुवाद -वाराणसी बहुत प्रसिद्ध प्राचीन नगरी है। यह स्वच्छ जल की तरंगों से युक्त गंगा के किनारे स्थित है। इसके घाटों की घुमावदार पंक्ति श्वेत चाँदनी में बहुत सुन्दर लगती है। असंख्य यात्री भ्रमण करने के लिए दूर देशों से प्रतिदिन यहाँ आते हैं और इसके घाटों की शोभा देखकर इसकी बहुत प्रशंसा करते हैं।
प्रश्न 2. वाराणस्यां प्राचीन कालदेव गेहे गेहे विद्या: दिव्यं ज्योतिः द्योतते। अधुनाऽपि अस्त्र संस्कृतवाग्धारा सतत प्रवहति, जनानां ज्ञानं चे वर्धयति। अत्र अनेक आचार्य: मूर्धन्याः विद्वान्सः वैदिकवाङ्मयस्य अध्ययने अध्यापने च इदानीं निरताः । नं भारतीय: वैदेशिकाः गीर्वाणवाण्याः अध्यनाय अत्र आगच्छन्ति, नि:शुल्कचविद्याय गृहन्ति। अत्र हिंदूविश्वविद्यालयः, संस्कृत विश्वविद्यालयः, काशीविद्यापीठ इत्यते त्रयः विश्वविद्यालय सन्ति, येषु नवीनानां प्राचीनानां च ज्ञान विज्ञान विषयणाम् अध्ययन प्रचलति। [2010, 12, 16]
हिंदी अनुवाद- वाराणसी में प्राचीनकाल से ही घर-घर में विद्या की अलौकिक ज्योति प्रकाशित होती रही हैं। आज भी यहाँ संस्कृत वाणी की धारा निरन्तर प्रवाहित रहती है और लोगों का ज्ञान बढ़ाती है। यहाँ पर अनेक आचार्य, उच्चकोटि के विद्वान् वैदिक साहित्य के अध्ययन और अध्यापन में इस समय भी लगे हुए हैं। केवल भारतवासी ही नहीं, अपितु विदेशी भी संस्कृत भाषा के अध्ययन के लिए यहाँ आते हैं और निःशुल्क विद्या ग्रहण करते हैं। यहाँ पर हिन्दू विश्वविद्यालय, संस्कृत विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ ये तीन विश्वविद्यालय हैं, जिनमें नवीन और प्राचीन ज्ञान-विज्ञान के विषयों का अध्ययन चलता रहता है।
प्रश्न 3. एषा नगरी भारतीयसंस्कृतेः संस्कृतभाषायाश्च क्रेन्दस्थली अस्ति। इत एव संस्कृतवामीस्य संस्कृतेश्च आलोकः सर्वत्र प्रसृत। मुगलयुवराजः दाराशिकोहः अत्रागत्य भारतीय दर्शनशास्त्र-शास्त्राणाम् अध्ययन अकरोत। स तेषां ज्ञानेन तथा प्रभावित: अभवत्, यत् तेन उपनिषदाम् अनुवादः पारसी भाषायाँ कारित:।
हिन्दी अनुवाद - यह नगरी भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा की केन्द्रस्थली है। यहीं से संस्कृत साहित्य और संस्कृति का प्रकाश सभी जगह फैला है। मुगल युवराज दाराशिकोह ने यहाँ आकर भारतीय दर्शन शास्त्रों का अध्ययन किया था। वह उनके ज्ञान से इतना प्रभावित हुआ था कि उसने उपनिषदों का अनुवाद फारसी भाषा में कराया।
प्रश्न 4. इय नगरी विविधधर्माणां स्गमस्थली। महात्मा बुद्ध, तिर्थनकर् पार्श्वनाथ, शकराचार्य, कबीरः, गोस्वामी तुलसीदासः अन्य च बहवः महात्मान अत्रगत्य स्वीयान् विचारां प्रीसारायं। न केवल दर्शन, साहित्य, धर्मे, कला क्षेत्रऽपि इयं नगरीनां विविधाना कलांना, शिल्पांना च कृते लोके विश्रुता। अत्रत्याः कौशेष्यटिकाः देशे-देशे सर्वत्र सप्रह्यन्ते ।।
अत्रत्याः प्रस्तरमूर्त्यः पृथिताः । इय निजां प्राचीनपरम्पराम् इदानीमपि परिपालयति- तथैव गीयते कविभिः [2010, 11, 13, 15]
हिंदी अनुवाद- यह नगरी विविध धर्मों के मिलन का स्थान रही है। महात्मा बुद्ध, तीर्थंकर पाश्र्वनाथ, शंकराचार्य, कबीर, गोस्वामी तुलसीदास और दूसरे बहुत-से महात्माओं ने यहाँ आकर अपने विचारों को फैलाया, अर्थात् अपने विचारों का प्रसार किया। केवल दर्शन, साहित्य और धर्म में ही नहीं, अपितु कला के क्षेत्र में भी यह नगरी विविध कलाओं और शिल्पों के लिए संसार में प्रसिद्ध है। यहाँ की रेशमी साड़ियाँ देशविदेश में सभी जगह पसन्द की जाती हैं। यहाँ की पत्थर की मूर्तियाँ प्रसिद्ध हैं। यह अपनी प्राचीन परम्परा का इस समय भी पालन कर रही है। उसी प्रकार कवियों के द्वारा गाया जाता है—
प्रश्न 5. मरणं म्गलं यत्र विभूतिश्च विभूषणम्।
कौपीनं यत्र कौशेयं सा काशी केन मियते [2014, 15]
सन्दर्भ-प्रस्तुत श्लोक हमारी पाठ्य-पुस्तक 'हिन्दी' के संस्कृत खण्ड के वाराणसी' पाठ से लिया गया है।
हिंदी अनुवाद- जहाँ पर मरना कल्याणकारी समझा जाता हैं, जहाँ (शरीर पर भस्म धारण करना आभूषण हैं, जहाँ कौपीन (लँगोटी ही) रेशमी वस्त्र है, वह काशी किसके द्वारा मापी जा सकती है ? अर्थात् उसकी समता किससे की जा सकती है ?
अतिलघु-उतरीय संस्कृत प्रश्नोतर-
प्रश्न 1. वाराणसी नगरी कुत्र स्थिता अस्ति ? [2010, 11]
उत्तर- वाराणसी नगरी गगयाः तटे स्थिता अस्ति।
प्रश्न 2. वैदेशिकाः पर्यटका कस्याः शोम् अवलोक्य वाराणसी प्रश्नसंति? | [2012]
उत्तर- वैदेशिकाः पर्यटका गंगाया घट्टानांभां विलोक्य वाराणसी प्रश्नसंति।
प्रश्न 3-वैदेशिकाः किमर्थम् वाराणसीम् आगच्छन?
उत्तर- वैदेशिका: संस्कृतस्य अध्ययनाम वाराणसीम् आगच्छंति?
प्रश्न 4. वाराणस्यांकति विश्वविद्यालय: सन्ति ? के च ते ? या वाराणस्य कटि विश्वविद्यालयः सन्ति ? [2010]
उत्तर- वाराणस्यां हिंदू विश्वविद्यालय:, संस्कृत विश्वविद्यालयः, काशीविद्यापीठ इति एते त्रयः विश्वविद्यालय: सनति।
प्रश्न 5- वाराणसी कस्या भाषा: केंद्रम् अस्ति ? [2015]
या वाराणसी नगरी कस्य केन्द्रस्थली अस्ति ?
या वाराणसी कस्य केन्द्रस्थलम् अस्ति ? या
वाराणसी नगरी केशां संगमस्थली अस्ति? [2016]
उत्तर- वाराणसी भारतीयसंस्कृतः संस्कृत भाषासंग्रह केंद्रम् अस्ति।
प्रश्न 6- कः मुगलयुवराजः वाराणस्याम् आगत्य भारतीय दर्शनशास्त्राणाम् अध्ययनम् अकरोत ?
उत्तर- मुगलयुवराज : दाराशिकोह: वाराणस्याम् आग्त्य भारतीय दर्शनशास्त्राणाम् अध्ययनम् अकरोत।
प्रश्न7. दाराशीकोह: कुत्र गत्वा भारतीयशास्त्राणाम् अध्ययनम् अकरोत ? [2009]
उत्तर- दाराशिकोह: वाराणस्यां गत्वा भारतीयशास्त्राणाम् अध्ययनम् अकरोत।
प्रश्न 8. दाराशिकोह: कस्यां भाषायाम् उपनिषदाम् अकारयत् ? [2012, 13]
उत्तर- दाराशिकोह: पारसीभाषायाम् उपनिषदाम् अकारयत्।
प्रश्न 9. वाराणसी नगरी केशां सङ्गमस्थली अस्ति ? [ 2009, 12, 16, 17]या
का नगरी भिन्न धर्माणां सङ्गमस्थली अस्ति ?या
वाराणसी कस्य सङ्गमस्थली अस्ति ?
उत्तर- वाराणसी नगरी भिन्न धर्माणां सङगमस्थली अस्ति।
प्रश्न 10. वाराणसी किमर्थं प्रसिद्धा ? [2013]या
वाराणसी कथं प्रसिद्धा अस्ति ?
उत्तर- वाराणसी भिन्नं शिल्पां कलानां, संस्कृतभाषाय: संस्कृतश्र्चे कृते प्रसिद्धा अस्ति।
प्रश्न 11. कुत्र मरणं मगलं भवति ? [2009, 15, 16, 17, 18]
उत्तर- वाराणसी मरणं मगलं भवति।
प्रश्न 12. संपूर्णानन्द विश्वविद्यालयः कस्यां नगर्या विद्यते? [ 2017 ]
उत्तर- संपूर्णानन्द विश्वविद्यालयः वाराणस्यां नगर विद्यते।
प्रश्न 13. दाराशीकोह: किमर्थम् अत्रगत: ?
उत्तर- मुगलयुवराजः दाराशिकोह: भारतीय दर्शनशास्त्राम् अध्ययनम् अत्र आगच्छत्।
प्रश्न 14. दाराशिकोह: वाराणसी आगत्य किमकरोत ?
उत्तर- दाराशिकोह वाराणसी आगतत्य भारतीय दर्शनशास्त्राम् अध्ययनम् अकरोत।
प्रश्न 15. वाराणस्याः कानि वस्तूनि प्रसिद्धा: सन्ति ? [2010]
उत्तर- वाराणस्याः कौशेयशाटिका प्रस्तरमूर्त्यः च प्रसिद्धा सन्ति।
प्रश्न 16. वाराणसी नगरी कस्या: कूले स्थिता? [2009, 11, 12, 15]
उत्तर- वाराणसी नगरी गंगाया कूले स्थिता ।
प्रश्न 17. वाराणसी नगरी केशां कृते लोके विश्रुता अस्ति ?
उत्तर- नं केवल दर्शने, साहित्ये, धर्मे अपितु कला क्षेत्रेSपि कलानां शिल्पां च कृते वाराणसी नगरी लोके विश्रुता।
प्रश्न 18. कस्याः शोभां विलोक्य पर्यटका बहुप्रशंसनीयता?
उत्तर- गंगाया घट्टाना शोभां विलोक्य पर्यटका: बहु प्रशंसित।
प्रश्न 19. वारणस्यां गेहे गेहे किं द्योतते ? [2010]
उत्तर- वाराणस्यां गेहे गेहे विद्याया: दिव्यं ज्योतिः द्योतते।
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