कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान | Jim Corbett National Park

  कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान
(Jim Corbett National Park) 

इस पार्क की स्थापना 1936 में तत्कालीन गवर्नर सर हैली के नाम से स्थापित हैली राष्ट्रीय उद्यान के नाम से हुई ।  यह भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का भी प्रथम राष्ट्रीय उद्यान है । 

स्वतंत्रता के बाद इसका नाम रामगंगा नेशनल पार्क रखा गया था लेकिन वर्ष 1957 में महान प्रकृति प्रेमी जिम कार्बेट की स्मृति में इसका नाम एक बार पुनः बदलकर कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान किया गया जिन्होनें इस पार्क की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । 

यह राष्ट्रीय उद्यान दो जिलो में विस्तृत है पौढ़ी तथा नैनीताल में , इसका क्षेत्रफल 520.82 वर्ग कि.मी. है । इस पार्क के मध्य में पाटली दून स्थित है । 

1 नवम्बर 1973 को इसे भारत का पहला बाघ संरक्षित घोषित किया गया । संरक्षित क्षेत्र घोषित होने के बाद पार्क में शेरों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हुई । 

इस पार्क को हाथी परियोजना में भी शामिल किया गया है । 

अप्रैल 2012 में इस पार्क के चारों ओर 500 मी . के क्षेत्र को साइलेन्स जोन घोषित किया गया । 

पार्क के बाघों की रक्षा हेतु केन्द्र सरकार की सहायता से स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स ( STPF ) का गठन 2013 में किया गया ।

इस पार्क में शेर , भाल , हाथी , बाघ , हिरन , चीतल , नीलगाय , चीत जैसे जानवारों के अलावा भी और बहुत से जानवार तथा अजगर के साथ ही अन्य कई प्रकार की साँप की प्रजातिया भी पाई जाती है । इस पार्क में अनेक पक्षियों की भी प्रजातियाँ पाई जाती हैं ।  


कौन थे जिम कार्बेट ?

जिम कार्बेट आयरिश मूल के भारतीय लेखक , दार्शनिक व शिकारी थे । 

जिम कार्बेट का जन्म 25 जुलाई 1875 को नैनीताल में हुआ था । उनका आवास नैनीताल के पास कालाढूगी नामक स्थान पर था । 

जिम कार्बेट केवल शिकारी ही नहीं बल्कि एक संरक्षक , चमड़े का काम करने वाला तथा बढ़ई था वह जंगली जानवारों की फोटो खीचता था । 

जिम कार्बेट ने उत्तराखण्ड के गढ़वाल मण्डल के अनेक आदमखोर बाघों को मारा । 

जिम कार्बेट एक कुशल शिकारी थे । ‘ माई इण्डियाँ नाम की उनकी पुस्तक बहुत प्रसिद्ध है । 

जब भी कोई आदमखोर शेर आ जाता तो लोग जिम कार्बेट को बुलाते थे । 

जिम कार्बेट ने शादी नहीं की थी । वह आजीवन अविवाहित रहे । जिम कार्बेट की एक बहन थी उसने भी शादी नहीं की थी वह दोनों एक दूसरे के साथ रहते थे । 

जिम कार्बेट नेशनल पार्क आज इतना प्रसिद्ध है कि यहा अतिथियों के रहने के लिए अतिथि ग्रह भी बनाये गए है ।

इस पार्क में वर्ष भर देश विदेश से हजारों पर्यटक आते रहे ते है।

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