भाग-17
राजभाषा
8वीं अनुसूची
8वी अनुसूची की जानकारी के लिए विभिन्न (अध्यायों) अनुच्छेद, 343,344,345.........351 के बारे मे जानना आवश्यक हैं।
अत: इस पोस्ट मे हम 8 वी अनुसूची और उससे संबंधित सभी अनुच्छेदों का एवं भाषा से संबंधित संविधान संशोधन का सरल शब्दों मे अध्य्यन करेगे।
आठवीं अनुसूची:- भाषाएँ
8वी अनुसूची में संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त 22 प्रादेशिक भाषाओं का उल्लेख है। 1950 में जब संविधान लागू हुआ था तब आठवीं अनुसूची में 14 भाषाएं थी, जो आज बढ़कर 22 हो गई है। इस अनुसूची में आरंभ में 14 भाषाएं ( 1.असमिया 2.बांग्ला 3.गुजराती 4.हिंदी 5.कन्नड़ 6.कश्मीरी 7.मलयालम 8.मराठी 9.उड़िया 10.पंजाबी 11.संस्कृत 12.तमिल 13.तेलुगू 14.उर्दू) थी। बाद में "सिंधी" को (21वा संशोधन 1967ई.), के बाद कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली को (71वा संशोधन 1992 ई.), शामिल किया गया, जिससे इसकी संख्या 18 हो गई। इसके पश्चात बोडो, डोगरी, मैथिली, संथाली को (92वा संशोधन 2003) शामिल किया गया और इस प्रकार इस अनुसूची में कुल 22 भाषाएं हो गई।
हिंदी भाषा : मुख्य तत्व, हिंदी भाषा का इतिहास
1- संघ की भाषा:-
अनुच्छेद 343 संघ की राजभाषा -
🔸संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। अंको का रूप भारतीय अंकों का अन्तराष्ट्रीय रूप होगा।
🔸इस संविधान के प्रारंभ से 15 वर्ष की अवधि तक अर्थात 1965 तक उन सभी शासकीय प्रयोजनों(कार्य) के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता रहेगा, जिनके लिए पहले प्रयोग किया जा रहा था।
🔸 संसद उक्त 15 वर्ष की अवधि के पश्चात विधि द्वारा
1-अंग्रेजी भाषा का या
2-अंकों के देवनागरी रुप का,
ऐसे प्रयोजनों के लिए प्रयोग उपबंधित कर सकेगी जो ऐसी विधि में विनिर्दिष्ट किए जाएं|
अनुच्छेद 344:- अनुच्छेद 344 के अधीन प्रथम राज्यभाषा आयोग/बी०जी० खेर आयोग का 1955 में तथा संसदीय राजभाषा समिति/जी.बी. पंत समिति का 1957 में गठन हुआ| जहां खेर आयोग ने हिंदी को एकांतिक और सर्वश्रेष्ठ स्थिति में पहुंचाने पर जोर दिया वहीं पंत समिति ने हिंदी को प्रधान राजभाषा बनाने पर जोर तो दिया लेकिन अंग्रेजी को हटाने की बजाय उसे सहायक राजभाषा बनाए रखने की वकालत की|
समग्रता से देखे तो स्वतंत्रता संग्राम काल में हिंदी देश में राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक थी अतः राष्ट्रभाषा बनी और राजभाषा अधिनियम 1963 के बाद यह केवल संपर्क भाषा होकर रह गई, जिसने हिंदी का सत्यानाश कर दिया|
देवनागरी लिपि का विकास या नामकरण
2- प्रादेशिक भाषाएँ
अनुच्छेद 345, 346:- संविधान के इन्हीं अनुच्छेदों के अधीन हिंदी भाषी राज्य में हिंदी राजभाषा बनी| हिंदी इस समय 9 राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तथा केंद्र शासित प्रदेश-दिल्ली की राजभाषा है|इन सभी प्रदेशों से आपसी पत्र व्यवहार की भाषा हिंदी है|इसके अतिरिक्त अहिंदी भाषी राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब की एवं केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़, व अंडमान निकोबार की सरकारों ने हिंदी को द्वितीय राजभाषा घोषित कर रखा है तथा हिंदी भाषी राज्यों से पत्र व्यवहार के लिए हिन्दी को स्वीकार कर लिया है|
अनुच्छेद 347:- अनुच्छेद 347 के अनुसार यदि किसी राज्य का पर्याप्त अनुपात चाहता है कि उसके द्वारा बोली जाने वाली कोई भाषा राज्य द्वारा अभीज्ञात की जाए तो राष्ट्रपति उस भाषा को सरकारी अभिज्ञा दे सकता है|यही कारण है कि संविधान लागू होने के समय जहां 14 प्रादेशिक भाषाओं को मान्यता प्राप्त थी वहीं अब यह संख्या बढ़कर 22 हो गई है|
【हिंदी का राष्ट्रभाषा के रूप में विकास】
3- सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट आदि की भाषा
अनुच्छेद 348:- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में और संसद व राज्य विधानमंडल में विधेयकों, अधिनियम आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा (उपबंध होने तक अंग्रेजी जारी रहेगी)
अनुच्छेद 349:- भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया (राजभाषा संबंधी कोई भी विधेयक राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी के बिना पेश नहीं की जा सकती और राष्ट्रपति भी आयोग की सिफारिशों पर विचार करने के बाद ही मंजूरी दे सकेगा)
4- विशेष निर्देश की समीक्षा
अनुच्छेद 350:- व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा किसी भी भाषा में
🔸भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं
🔸भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी की नियुक्ति (राष्ट्रपति द्वारा)
अनुच्छेद 351 :-(हिंदी के विकास के लिए निदेश):- संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ाये, उसका विकास करें जिससे वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके।
【हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ】
8वी अनुसूची/राजभाषा से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न- भारतवर्ष में हिंदी को आप किस वर्ग में रखेंगे?
उत्तर- राजभाषा के रूप मे।
प्रश्न- भारतीय संविधान में किन- किन अनुच्छेदों में राजभाषा संबंधी प्रावधानों का उल्लेख है?
उत्तर- अनुच्छेद 343 से 351 तक।
प्रश्न- संविधान के अनुच्छेद 351 में किस विषय का वर्णन है?
उत्तर- अनुच्छेद 351 में हिंदी के विकास के लिए निदेश का वर्णन है।
प्रश्न- किस तिथि को हिंदी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया?
उत्तर- 14 सितंबर 1949 ई० को हिंदी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया।
प्रश्न- भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की संख्या है?
उत्तर- 22
प्रश्न- 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत संघ की कौन सी भाषा का दर्जा दिया?
उत्तर- 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा भाषा का दर्जा दिया।
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1 टिप्पणियाँ
Very nice
जवाब देंहटाएंThanks for comment