Lesson- 6,राजनीतिक दल

NCERT Notes for CBSE/UP Class-10 Social Science, Civies(लोकतांत्रिक राजनीति-2) Chapter-6 राजनीतिक दल(Political Party) Notes in Hindi 

💠Chapter-6💠

🇮🇳राजनीतिक दल🇮🇳

💦Political Party💦


🌍राजनीतिक दल:- लोगों का ऐसा संगठित समूह जो चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता है।

🌍राजनीतिक दल के घटक:-
• नेता
• सक्रिय सदस्य
• अनुयायी या समर्थक

🌏राजनीतिक दल का कार्य:-
• चुनाव लड़ना। 
• राजनीतिक दल विभिन्न नीतियों और कार्यक्रम मतदाता के सामने रखते हैं और मतदाता उनमें से अपने पसंद की नीतियाँ और कार्यक्रम चुनते हैं।
• कानून बनाने में निर्णायक भूमिका निभाती हैं।
• पार्टियां ही सरकारें बनाती और चलाती भी हैं।
• चुनाव हारने वाले दल शासक दल के विरोधी पक्ष की भूमिका निभाते हैं।
• मुद्दों को उठाना तथा आंदोलन की शुरूआत करती हैं। 
• कल्याण कार्यक्रमों को लोगों तक पहुँचाती है। 
• जनमत का निर्माण करती हैं। 

🌍लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका:-
• सरकार की नीतियों पर नज़र रखना।
• सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना
• सरकर चलाने में सकरात्मक भूमिका निभाना। 

🌏राजनीतिक दल की जरूरत क्यों?:-
अगर दल न हो तो सारे उम्मीदवार स्वतंत्र या निर्दलीय होंगे तब इनमें से कोई बड़े नीतिगत बदलाव के बारे में लोगों से चुनावी वायदे नहीं पर पाएगा। सरकार का समर्थन करने एवं उस पर अंकुश रखने हेतु, जब समाज बड़े और जटिल हो जाते हैं तब उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अलग- अलग विचारों को समेटने और सरकार की नज़र में लाने के लिए राजनीतिक दलों की जरूरत होती है।

🌍दलीय व्यवस्थाएँ :-
💦एक दलीय व्यवस्था : सिर्फ एक ही दल को सरकार बनाने और चलाने की अनुमति होती है उदाहरण:- चीन
💦द्विदलीय व्यवस्था : सत्ता आमतौर पर दो मुख्य दलों के बीच बदलती रहती है। उदाहरण:- अमेरिका, ब्रिटेन। 
💦बहुदलीय व्यवस्था : जब कई दलों में राजनीतिक सत्ता पाने के लिए होड़ लगी रहती है तथा दो से अधिक पार्टी के सत्ता हासिल करने की संभावना रहती है। उदाहरण:- भारत। 

🌏चुनाव आयोग:- देश की हर पार्टी को चुनाव आयोग में पंजीकरण कराना पड़ता है। आयोग सभी पार्टियों को बराबर मानता है, लेकिन यह बड़े और स्थापित पार्टियों को विशेष सुविधाएं प्रदान करता है। आयोग पार्टी को अलग चुनाव चिन्ह देता है जिसे मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल कहा जाता है।

🌏राजनीतिक दलों का बटवारा:-
💦राष्ट्रीय दल:- अगर कोई दल लोकसभा चुनाव में पड़े कुल वोट का अथवा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6% हासिल करता है और लोकसभा चुनाव में कम से कम चार सीटों पर जीत दर्ज करता है तो उसे राष्ट्रीय दल की मान्यता दी जाती है। 2023 में देश में 6 दल राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है।

1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस:- इसे कांग्रेस पार्टी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक बहुत पुरानी पार्टी है जिसकी स्थापना 1885 में हुई थी। भारत की आजादी में इस पार्टी की मुख्य भूमिका रही है। आजादी के बाद के सत्तर वर्षों में पचास से अधिक वर्षों तक इसी पार्टी की सरकार रही है।

2. भारतीय जनता पार्टी:- इस पार्टी की स्थापना 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी। पुनर्जीवित करके 1980 मे यह पार्टी बनी। यह पार्टी पहली बार 1998 में सत्ता में आई और 2004 तक शासन किया ।यह सभी धर्म के लोगों के लिये समान नागरिक संहिता बनाने और धर्मातरण पर रोक लगाने के पक्ष में है। उसके बाद यह पार्टी 2014 में सत्ता में आई है।

3. बहुजन समाज पार्टी:- इस पार्टी की स्थापना काशीराम के नेतृत्व में 1984 में हुई थी। यह पार्टी बहुजन समाज(दलित, आदिवासी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आते हैं।) के लिये सत्ता चाहती है। इस पार्टी की पकड उत्तर प्रदेश में बहुत अच्छी है। 

4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी:- इस पार्टी की स्थापना 1964 में हुई थी। इस पार्टी की मुख्य विचारधारा मार्क्स और लेनिन के सिद्धांतों पर आधारित है। यह पार्टी समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता का समर्थन करती। इस पार्टी को पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में अच्छा समर्थन प्राप्त है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में इस पार्टी की लोकप्रियता में तेजी से गिरावट आई है। हथौड़ा और दरांती' इसका चुनाव चिन्ह है।

5. आम आदमी पार्टी:- संक्षेप में आप (AAP), आम आदमी पार्टी की उत्पत्ति सन् 2012 में इण्डिया अगेंस्ट करप्शन (हिंदी में भारतीय भ्रष्टाचार के खिलाफ) द्वारा अन्ना हजारे के नेतृत्व में चलाये गये जन लोकपाल आन्दोलन के समापन के दौरान हुई। यह पार्टी पहली बार दिसम्बर 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में झाडू चुनाव चिह्न के साथ चुनावी मैदान में उतरी।

6. नेशनल पीपल्स पार्टी:- भारत का एक राष्ट्रीय राजनैतिक दल है जिसका प्रभाव मुख्य रूप से मेघालय राज्य में है। पार्टी का गठन पी० ए० संगमा ने किया था, जब जुलाई 2012 में उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया था। तब जाकर अपना पार्टी का गठन किये, ताकि राष्ट्रीय राजनिती में उतर सके।

🌍क्षेत्रीय दल:-इन सात पार्टियों के अलावा अन्य सभी प्रमुख दलों को निर्वाचन आयोग ने 'राज्यीय दल' के रूप में मान्यता दी है। आमतौर पर इन्हें क्षेत्रीय दल कहा जाता है। जब कोई दल राज्य विधानसभा के चुनाव में पड़े कुल मतों का 6% या उससे अधिक हासिल करती है और कम से कम दो सीटों पर जीत हासिल करती है तो उसे राज्य के राजनीतिक दल के रूप में मान्यता मिलती है।

🌏राजनीतिक दलों के समक्ष चुनौतियाँ:-
• वंशवाद की चुनौती
• पारदर्शिता का अभाव
• आंतरिक लोकतंत्र का अभाव
• आपराधिक तत्वों की घुसपैठ
• धन और बल बढ़ती भूमिका
• स्पष्ट नीतिओं का अभाव

🌍राजनीतिक दलों को कैसे सुधारा जा सकता
हाल में उठाए गए कदम:-

• दल बदल विरोधी कानून।
• शपथपत्र के माध्यम से अपनी संपति तथा अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी अनिवार्य। 
• सांगठनिक चुनाव कराना तथा आयकर रिटर्न भरता जरूरी।

🌏भविष्य के लिए सुझाव:-
• राजनीतिक दलों के आंतरिक कामकाज को व्यवस्थित करने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए।
• प्रत्येक राजनीतिक दल एक खास संख्या या एक तिहाई महिला उम्मीदवारों को टिकट दे।
• चुनाव का खर्च राज्य सरकार उठाए। 
• लोगों की भागीदारी बढाकर।

🌍दल बदल:- किसी दल विशेष से विधायिका के लिए निर्वाचित होने के बाद प्रतिनिधि का इस दल को छोड़कर किसी अन्य दल में चले जाना।

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