Lesson-7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएं(Lifelines of the National Economy)

NCERT Notes for CBSE/UP Class-10 Social Science, (Geography) (Samkalin bharat/समकालीन भारत -2) Chapter-7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएं(Lifelines of the National Economy) Notes in hindi.

🗺️🌏Geography 🗺️🌏

📝Lesson-5📝

🌹राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन

 रेखाएं🌹

💐(Lifelines of the

 National Economy)💐


परिवहन के साधन :- परिवहन के साधन जो मनुष्य तथा सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते हैं। जैसे:- रेल, वायु एवं जल परिवहन ।

संचार के साधन :- वे साधन जो सूचना समाचार एवं संवाद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते हैं। जैसे :- समाचार पत्र, रेडियो, टीवी, टेलिफोन, मोबाइल फोन, ईमेल आदि ।

परिवहन के साधन :- ये तीन प्रकार के है। 
1. स्थल
• सड़क परिवहन
• रेल परिवहन
• पाइप लाइन
2. जल
• आंतरिक जल परिवहन
• समुद्री परिवहन
3. वायु
• घरेलू विमान सेवा
a. सार्वजनिक प्राधिकरण
b. निजी विमान सेवा
• अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा

सड़क/स्थल परिवहन :- भारत विश्व के सर्वाधिक सड़क जाल वाले देशों में से एक है, यह सड़क जाल लगभग 56 लाख कि.मी. है। भारत में सड़क परिवहन, रेल परिवहन से पहले प्रारंभ हुआ। निर्माण तथा व्यवस्था में सड़क परिवहन, रेल परिवहन की अपेक्षा अधिक सुविधाजनक है

भारत में सड़को के प्रकार :- भारत में सड़कों की सक्षमता के आधार पर इन्हें निम्न छः वर्गों में वर्गीकृत किया गया है।
1. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग :- भारत सरकार ने दिल्ली-कोलकता, चेन्नई, मुंबई व दिल्ली को जोडने वाली 6 लेन वाली महाराजमार्ग की परियोजना आरम्भ की है। इस परियोजना में दो गलियारे प्रस्तावित है। उत्तर दक्षिण गलियारा जो श्री नगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है। पूर्व-पश्चिम गलियारा जो सिलचर (असम) तथा पोरबंदर (गुजरात) को जोड़ता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत के बड़े शहरों के बीच की दूरी को कम करना है
यह राजमार्ग परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकार क्षेत्र में हैं।
2. राष्ट्रीय राजमार्ग :- राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूरस्थ भागों को जोड़ता है। ये प्राथमिक सड़क तंत्र है। इनका रखरखाव केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ( CPWD) के अधिकार क्षेत्र में है।
Note:- राष्ट्रीय राजमार्ग-7 सर्वाधिक लंबा राजमार्ग है जो 2,369 किलोमीटर लंबा है। यह वाराणसी को जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, बैंगलोर, मदुरई के रास्ते कन्याकुमारी से जोड़ता है
3. राज्य राजमार्ग :- राज्यों की राजधानियों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने वाली सड़के राज्य राजमार्ग कहलाती है। इनके निर्माण की जिम्मेदारी सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) का होता है।
4. जिला मार्ग :- ये सड़के जिले के विभिन्न प्रशासनिक केंद्रो को जिला मुख्यालय से जोड़ती है। इन सड़कों की उत्तरदायित्व जिला जिला परिषद् का है।
5. अन्य सड़के :- ये सड़के ग्रामीण को शहरों को जोड़ती है।प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना के तहत इन सड़कों के विकास को विशेष प्रोत्साहन मिला है।
6. सीमांत सड़क :- भारत सरकार प्राधिकरण के अधीन सीमांत क्षेत्रों मे सड़कों की देखरेख करता है। यह संगठन 1960 में बनाया गया जिसका कार्य उत्तर तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में सामरिक महत्त्व की सड़कों का विकास करना था।

सड़क परिवहन, रेल परिवहन से अधिक महत्वपूर्ण होने के कारण :-
• पहाड़ी क्षेत्रों, दुर्गम क्षेत्रों तथा उबड़ खाबड़ - स्थानों पर भी सड़क आसानी से बनाई जा सकती है।
• अन्य परिवहन साधनों में सड़क परिवहन एक कड़ी के रूप में काम करता है।
• रेलवे लाइन की अपेक्षा सड़कों की निर्माण लागत बहुत कम है।
• अपेक्षाकृत कम व्यक्तियों कम दूरी व कम वस्तुओं के परिवहन में सड़क मितव्ययी है। 
• यह घर-घर सेवाएं उपलब्ध करवाता है तथा सामान चढ़ाने व उतारने की लागत भी अपेक्षाकृत कम है। 

रेल परिवहन :- भारत में रेल परिवहन वस्तुओं तथा यात्रियों के परिवहन का प्रमुख साधन है । रेल परिवहन कुछ पहाड़ी और वन्य क्षेत्रों को छोड़कर बाकी सभी स्थानों पर अत्यधिक सुविधाजनक साधन है। 
Note:- देश की पहली रेलगाड़ी 1853 में मुंबई और थाणे के मध्य चलाई गई ज्योति 34 किलोमीटर की दूरी तय करती थी। 

रेल परिवहन की समस्या :-
• बिना टिकट यात्रा करना
• चोरी व रेल संपत्ति को नुकसान 
• बिना वजह चेन खींचकर रेल रोकना
• रेलों का समय से न चलना ।

रेलों के जाल के असमान वितरण के कारण :- मैदानी भागों में निर्माण व लागत कम और आसान है। पर्वतीय भागों में निर्माण कठिन व लागत अधिक होती है। मैदानी भागों में जनसंख्या घनत्व अधिक है जिसके कारण रेलों का जाल बिछा है। मरूस्थलीय व पठारी भागों में औद्योगिक व कृषि कार्य विकसित न होने के कारण रेलों का घनत्व कम है।

पाइपलाइन :- कुछ वर्षों पहले तक पाइपलाइन का उपयोग केवल पानी की सप्लाई के लिये किया जाता है। अब पाइपलाइन का उपयोग कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पाद और प्राकृतिक गैस की सप्लाई के लिये भी होने लगा है। कुछ ठोस पदार्थों को तरल के रूप में पाइपलाइन से सप्लाई किया जाता है। पाइपलाइन को बिछाने में बहुत अधिक खर्च आता है। लेकिन पाइपलाइन को चलाने में कम से कम खर्चा आता है।
महत्वपूर्ण पाइपलाइन के जाल :-
 असम के तेल क्षेत्रों से गुवाहटी, बरौनी व इलाहाबाद से कानपुर तक।
• गुजरात में सलाया से वीरम गांव, मथुरा, दिल्ली, पंजाब में जालन्धर तक।
• गुजरात में हजीरा को उत्तरप्रदेश में जगदीशपुर तक मिलाती है।

पाइपलाइन परिवहन के लाभ :- 
• पाइपलाइन द्वारा शहरों और उद्योगों में पानी पहुँचाने के साथ गैस, खनिज तेल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जाता है।
• समय की बचत होती है।
• बीच की चोरी और बर्बादी को रोका जा सकता है
• पाइपलाइन बिछाने की लागत अधिक है परन्तु इसको चलाने की लागत कम है।
• पाइपलाइन द्वारा परिवहन शीघ्र सुरक्षित और आसान हो जाता है।
• रेलों पर बढ़ते दबाव को कम किया जा सकता है ।

जल परिवहन :- यह परिवहन का सबसे सस्ता साधन है। जल परिवहन भारी और विशाल सामान को ले जाने के लिये अत्यंत उपयुक्त है। इसमें ईंधन की कम खपत होती है और यह पर्यावरण हितैषी भी है। भारत में अंतः स्थलीय नौसंचालन मार्ग 14,500 किमी लंबा है।
Note:- राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 हल्दिया तथा इलाहाबाद के मध्य गंगा जलमार्ग है, जो 1620 किलोमीटर लंबा है। 

वायु परिवहन :- वायु परिवहन तीव्रतम आरामदायक व प्रतिष्ठित परिवहन के साधन। अति दुर्गम स्थानों जैसे ऊँचे पर्वत, मरूस्थलों, घने जंगलों व लम्बे समुद्री रास्तों को सुगमता से पार किया जा सकता है। सन् 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया। 

संचार सेवाऐं:- भारत में टेलिविजन, रेडियो, प्रेस, फिल्मों, टेलिफोन, आदि द्वारा निजी दूरसंचार और जनसंचार की सुविधा उपलब्ध है।

निजी संचार :- कार्ड व लिफाफा बंद चिट्ठी पहली श्रेणी की डाक समझी जाती है । द्वितीय श्रेणी की डाक में रजिस्टर्ड पैकेट, किताबें अखबार तथा मैगज़ीन शामिल है। दूर संचार के क्षेत्र में भारत एशिया महाद्वीप में अग्रणी है।

जन संचार :- लगभग 100 से अधिक भारतीय भाषाओं में समाचार पत्र छपते है । मनोरंजन के साथ बहुत से राष्ट्रीय कार्यक्रमों व नीतियों के विषयों में जानकारी देता है। आकाशवाणी राष्ट्रीय, क्षेत्रीय तथा स्थानीय भाषा में देश के विभिन्न भागों के लिए विविध कार्यक्रम प्रसारित करता है।

जनसंचार के साधनों से होने वाले लाभ :-
• मनोरंजन करता है।
• राष्ट्रीय कार्यक्रम और नीतियों के बारे में जागरूक करता है।
• ज्ञानवर्धक है।
• खेल संबंधी कार्यक्रमों को प्रसारित किया जाता है।
• दूरदर्शन राष्ट्रीय समाचार और संदेश का माध्यम है।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार :- दो या दो से अधिक देशों के बीच वस्तुओं का आदान प्रदान अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है। - देश का 95 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्गों द्वारा होता है। सभी देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर हैं। क्योंकि संसाधनों की उपलब्धता क्षेत्रीय है अर्थात इनका वितरण असमान है। 

व्यापार संतुलन :- अगर निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक हो तो उसे अनुकूल व्यापार संतुलन कहते हैं। 

असंतुलित व्यापार :- निर्यात की अपेक्षा अधिक आयात असंतुलित व्यापार कहलाता है। 

पर्यटन एक व्यापार के रूप में:- 
• पर्यटन उद्योग राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है व स्थानीय हस्तकला व सांस्कृतिक उद्यमों का विकास करता है।
• भारत की कला संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों से विदेशी लोगों को परिचित करवाता है।
• एक व्यापार के रूप में काम करता हैं।
• विदेशी पर्यटक भारत मे विरासत पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, चिकित्सा - पर्यटन, पारि पर्यटन, रोमांचकारी पर्यटन, तथा व्यापारिक पर्यटन के लिए आते हैं। 
• विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।

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