Lesson-1 विकास (Devlopment)

NCERT Notes for CBSE/UP Class-10 Social Science, (economic/अर्थशास्त्र) (आर्थिक विकास की समझ/aarthik vikas ki samjh) Chapter-1 विकास (Devlopment) Notes in hindi.

📚📚Lesson-1📚📚

💮विकास (Devlopment)💮

विकास:- विकास मनुष्य की अकांक्षाओ एवं इच्छाओ का एक संयोजन होता है। जिसके द्वारा मनुष्य अपने लक्ष्य कि प्राप्ति करता है। विकास एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा मनुष्य सामाजिक एवं आर्थिक क्रियाओं का संधारण करता है। विकास के लक्ष्य विभिन्न लोगों के लिये विभिन्न हो सकते हैं। हो सकता है कि कोई बात किसी एक व्यक्ति के लिये विकास हो लेकिन दूसरे के लिये नहीं।

आय:- सभी मनुष्यों को जिने के लिए केवल भौतिक वस्तुएँ ही पर्याप्त नही होते है। इन भौतिक वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए जिस कारण का प्रयोग करते है उसे आय कहते है।

राष्ट्रीय विकास:- जब सभी लोगो का लक्ष्य अपने देश के प्रति उन्नतशील बनाने के लिए होता है, उसे राष्ट्रीय विकास कहते हैं। 

विभिन्न देशों या राज्यों की तुलना:- देशों की तुलना करने के लिए उनकी आय सबसे महत्वपूर्ण विशिष्टता समझी जाती है जिन देशों की आय अधिक है उन्हें कम आय वाले देशों से अधिक विकसित समझा जाता है। देशों के बीच तुलना करने के लिए कुल आय इतना उपयुक्त माप नहीं हैं क्योकि देशों की जनसंख्या अलग-अलग होती हैं कुल आय की तुलना करने से हमे यह ज्ञात नहीं होता।

प्रति व्यक्ति आय/औसत आय:- जब देश की कुल आय को उस देश की जनसंख्या से भाग दिया जाता है तो जो राशि मिलती है उसे हम प्रति व्यक्ति आय कहते हैं।भारत मध्य आय वर्ग के देशों में आता है क्योंकि उसकी प्रतिव्यक्ति आय 2019 में केवल US $ 6700 प्रति वर्ष थी ।

सकल राष्ट्रीय उत्पाद(GNP):- किसी देश में उत्पादित कुल आय को सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं। सकल राष्ट्रीय उत्पाद में हर प्रकार की आर्थिक क्रिया से होने वाली आय की गणना की जाती हैं।

सकल घरेलू उत्पाद(GDP):- किसी देश में उत्पादित कुल आय में से निर्यात से होने वाली आय को घटाने के बाद जो बचता है उसे सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं।

साक्षरता दर:- 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात को साक्षरता दर कहते हैं निवल उपस्थिति [ अनुपात: 6-10 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले कुछ बच्चों का उस आयु वर्ग के कुल बच्चों के साथ प्रतिशत निवल उपस्थिति अनुपात कहलाता है]

राष्ट्रीय आय:- देश के अंदर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तथा विदेशों से प्राप्त आय के जोड़ को राष्ट्रीय आय कहते है।

मानव विकास सूचकांक:- आय व अन्य कारकों की समाकेतिक सूची इसके आधार पर किसी देश को उसकी गुणवत्ता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। यह विभिन्न देशों में विकास के स्तर का मूल्यांकन करने का मापदंड है।
यू. एन. डी. पी. द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार, " राष्ट्रीय विकास का अनुमान(3 स्तर पर) लोगों के शैक्षिक स्तर, स्वास्थय स्थिती तथा प्रति व्यक्ति आय के आधार पर होता है। इसमे भारत(2022मे) 191 देशों में से 132वें स्थान पर है। 

देशों के मध्य विकास को नापने वाले कारक:- देशों के मध्य विकास को नापने के लिए औसत आय के साथ सार्वजनिक सुविधाओं की उपलब्धता स्वास्थ्य सेवाएँ, जन्म व मृत्यु दर, जीवन प्रत्याशा प्रदूषण मुक्त वातावरण आदि मानकों का भी प्रयोग किया जाता है।

विकसित देश की मुख्य विशेषताएँ:- जिन देशों मे प्राकृतिक संसाधन तथा तकनीक ज्ञान बल पर पर्याप्त आर्थिक विकास होता है उस देश को विकसित देश कहते है। 
• नई तकनीक व विकसित उद्योग होता है। 
• उच्च स्तरीय रहन सहन। 
• प्रति व्यक्ति उच्च आय होता है। 
• साक्षरता दर उच्च होती हैं। 
• लोगों की स्वास्थ्य स्थिति बेहतर ( जन्मदर मृत्यु दर पर नियंत्रण) बेहतर होती हैं। 

विकासशील देश की मुख्य विशेषताएँ:- 
• औद्योगिक रूप से पिछड़े हुए होते है। 
• निम्न प्रति व्यक्ति आय होती हैं। 
• साक्षरता दर निम्न होती हैं। 
• सामान्य रहन सहन होता है। 
• बेहतर स्वास्थ्य का अभाव(अधिक मृत्यु दर ) होता है। 

विकास की धारणीयता:- विकास की धारणीयता से अभिप्राय है कि पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना विकास करना तथा वर्तमान पीढियो की जरूरतों के साथ- साथ भावी पीढ़ियों की जरूरतों को ध्यान में रखना।

विकास की धारणीयता की विशेषताए:-
• संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग
• नवीकरणीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग
• वैकल्पिक संसाधनों को ढूँढने में मदद।
• संसाधनों के पुनः उपयोग व चक्रीय प्रक्रिया को बढ़ावा। 

विकास के जरूरी लक्ष्यों का मिश्रण:- दी गई लिस्ट को परिपूर्ण नहीं माना जा सकता है। लेकिन इस लिस्ट में दिये गये लक्ष्य अन्य लक्ष्यों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हैं। इन लक्ष्यों के द्वारा कई अन्य लक्ष्यों की प्राप्ति होती है।


Vikas ke map

• ये आँकड़े विकास के अलग अलग पहलुओं के बीच के रिश्ते को दिखाते हैं।

• प्रति व्यक्ति आय के मामले में पंजाब सबसे ऊपर है। और बिहार सबसे नीचे। 

• शिशु मृत्यु दर के मामले में केरल की तुलना में पंजाब की स्थिति खराब है। इससे यह पता चलता है कि केरल में स्वास्थ्य सुविधाएँ पंजाब से बेहतर हैं।

• केरल और पंजाब में अधिकांश बच्चे स्कूल भी जाते हैं। लेकिन बिहार के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बहुत खराब है।

• इन आँकड़ों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि इन तीन राज्यों में केरल सबसे विकसित राज्य है और बिहार सबसे पिछड़ा राज्य।

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