IMF अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

IMF 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 

स्थापना- 1945 

मुख्यालय - वाशिंगटन DC (USA)

सदस्य देश - 190

नोट– ब्रेटनवुड्स सम्मेलन के दौरान अस्तित्व में आया 

पृष्ठभूमि 

वैश्विक आर्थिक सहयोग के लिए एक ढाँचे के निर्माण के उदद्देश्य से इसे लाया गया ताकि प्रतिस्पर्धी अवमूल्यन के दोहराव को रोका जा सके , जिसने 1930 की महामंदी में योगदान दिया था । 

उददेश्य -

वैश्विक वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना 

वैश्विक मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना 

सतत् आर्थिक विकास एवं उच्च रोजगार को बढ़ावा देना 

दुनिया भर में गरीबी कम करने का प्रयास करना 

विनिमय स्थिरता को बढ़ावा देना 

भुगतान संतुलन की समस्या को दूर करने का प्रयास करना

कार्य 

निगरानी रखना -

IMF अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली की देख - रेख करता है जिसके अंतर्गत विनिमय दर एवं अंतर्राष्ट्रीय भुगतान आते हैं । 

यह सदस्य देशों की आर्थिक और वित्तीय नीतियों पर नजर रखता है । 

ऋण प्रदान करना-

IMF सदस्य देशों की भुगतान देय समस्याओं के लिए ऋण प्रदान करता है ताकि उनका अंतर्राष्ट्रीय रिजर्व पुनः तैयार हो सके , साथ ही वे अपनी मुद्रा में स्थिरता ला सकें और निर्यात का अनवरत भुगतान हो सके । 


क्षमता विकास  

IMF तकनीकि सहायता एवं प्रशिक्षण द्वारा सदस्य देशों की क्षमताओं का विकास करता है ताकि आर्थिक नीतियों के निर्माण एवं क्रियान्वयन में मदद मिल सके ।  

IMF द्वारा जारी की जाने वाली रिपोर्ट- 

1. Global Finacial Stability Report (वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट )

2.World Economic Outlook Report (वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट )


IMF कोष का निर्माण 

⧫आइएमएफ कोष के वित्तीयन का प्रमुख स्रोत कोटा होता है । आइएमएफ के प्रत्येक सदस्य राष्ट्र को मुख्यतः विश्व अर्थव्यवस्था में उसकी सापेक्ष स्थिती के आधार पर कोटे का आवंटन किया जाता है । 

⧫प्रत्येक सदस्य देश को अपने कोटे का 25 प्रतिशत स्वर्ण या डॉलर के रूप में जमा करना होता है । 

⧫कोटे का शेष भाग वह अपने करेंसी के रूप में जमा कर सकता है । 

⧫सदस्य राष्ट्र के कोटे में परिवर्तन उनकी अर्थव्यवस्था के अनुसार किया जाता है ।


विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Right : SDR)

⧫यह IMF द्वारा आरम्भ की गई रिजर्व मुद्रा है । इसे 1969 में अपनाया गया था स्वर्ण और अमेरिकी डॉलर की सीमाओं के मददेनजर SDR को वैकल्पिक मुद्रा के रूप में अपनाया गया है । 

⧫इसका उददेश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तरलता बढ़ाना है । 

⧫इसे पेपर गोल्ड ( Paper Gold ) भी कहा जाता है ।



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