पाषाण काल previous year Question

पाषाण काल से संबंधित विगत वर्षो में पूछे गए हल प्रश्नोत्तर- 
इसमें सभी राज्यों के लोक सेवा आयोग एवम् संघ लोक सेवा आयोग में पूछे गए सभी प्रश्नों को शामिल किया गया है।

1. कोपेनहेगन संग्रहालय की सामग्री से पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन किया था-  
(U.P. P.C.S. Pre 2010)
(a) थॉमसन ने 
(c) टेलर 
(b) लुब्बाक ने 
(d) चाइल्ड ने 
 
उत्तर-(a) 

डेनमार्क के कोपेनहेगन संग्रहालय में 1818 ई. और 1820 ई. में एक आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सामग्री के आधार पर पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन क्रिश्चियन जर्गेनसन थॉमसन ने किया था। यद्यपि थॉमसन ने 1836 ई. में इसी वर्गीकरण के अनुसार, संग्रहालय की वस्तुओं का विवरण प्रकाशित किया था। 


2. उत्खनित प्रमाणों के अनुसार, पशुपालन का प्रारंभ हुआ था- 
(U.P.P.C.S. Mains 2006)
(a) निचले पूर्वपाषाण काल में 
(b) मध्य पूर्वपाषाण काल में 
(c) ऊपरी एवं पाषाण काल में 
(d) मध्यपाषाण काल में 

उत्तर-(d) 

मध्यपाषाण काल के अंतिम चरण में पशुपालन के साक्ष्य प्राप्त होने लगते हैं। ऐसे पशुपालन के साक्ष्य भारत में आदमगढ़ (नर्मदापुरम, म.प्र.) तथा बागोर (भीलवाड़ा, राजस्थान) से मिले हैं। 


3. मध्यपाषाणिक प्रसंग में पशुपालन के प्रमाण जहां मिले, वह स्थान है- 
(U.P. P.C.S. Pre 2008)
(a) लंघनाज 
(b) बीरभानपुर 
(c) आदमगढ़ 
(d) चोपनी मांडो 

उत्तर-(c)


4. निम्नलिखित में से किस स्थल से हड्डी के उपकरण प्राप्त हुए हैं? 
( U.P.P.C.S. Mains 2010)
(a) चोपनी मांडो से 
(b) काकोरिया से 
(c) महदहा से
(d) सराय नाहर राय से 

उत्तर-(c&d) 

मध्यपाषाण कालीन महदहा (उ.प्र. के प्रतापगढ़ जिले में स्थित) से बड़ी मात्रा में हड्डी एवं सींग निर्मित उपकरण प्राप्त हुए हैं। जी.आर. शर्मा महदहा में तीन क्षेत्रों का उल्लेख करते हैं, जो झील क्षेत्र, बूचड़खाना संकुल क्षेत्र एवं कब्रिस्तान निवास क्षेत्र में बंटा था। बूचड़खाना संकुल क्षेत्र से ही हड्डी एवं सींग निर्मित उपकरण एवं आभूषण बड़े पैमाने पर पाए गए हैं। सराय नाहर राय से भी अल्प मात्रा में हड्डी के उपकरण मिले हैं। 


5. हड्डी से निर्मित आभूषण भारत में मध्यपाषाण काल के संदर्भ में प्राप्त हुए हैं-
(U.P.R.O./A.R.O. Mains 2013)
(a) सराय नाहर राय से 
(b) महदहा से
(c) लेखहिया से 
(d) चोपनी मांडो से

उत्तर-(a&b) 

6. रॉबर्ट ब्रूस फुट थे, एक हैं - (U.P. Lower Sub. (Pre) 2015) 
 (a) भूगर्भ-वैज्ञानिक 
 (b) पुरातत्वविद् 
 (c) पुरावनस्पतिशास्त्री 
 (d) इतिहासकार 
 
 उत्तर-(a & b) 

इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, रॉबर्ट ब्रूस फुट ब्रिटिश भूगर्भ-वैज्ञानिक और पुरातत्वविद् थे। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से संबद्ध रॉबर्ट ब्रूस फुट ने 1863 ई. में भारत में पाषाणकालीन बस्तियों के अन्वेषण की शुरुआत की। अतः स्पष्ट है कि इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (a) और (b) दोनों ही हो सकते हैं। 


7. निम्नलिखित मध्यपाषाणिक स्थलों को भौगोलिक दृष्टि से पश्चिम से पूर्व के क्रम में व्यवस्थित करें- 
(U.P.R.O./A.R.O Mains 2021)
1. पैसरा 
2. लेखहिया 
3. बीरभानपुर 
4. महदहा 
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- 
 कूट : 
 (a) 4, 2, 3 और 1 
 (b) 1, 4, 3 और 2
 (c) 4, 2, 1 और 3
 (d) 2, 4, 1 और 3

 उत्तर-(c)

भौगोलिक दृष्टि से पश्चिम से पूर्व के क्रम में मध्यपाषाणिक स्थल हैं- महदहा (प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश), लेखहिया (मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश), पैसरा (बिहार) एवं बीरभानपुर (पश्चिम बंगाल) । 

8.एक ही कब्र से तीन मानव कंकाल निकले हैं- 
(U.P.P.C.S. Pre 2016)
 (a) दमदमा से
 (b) लंघनाज से
 (c) सराय नाहर राय से 
 (d) महदहा से 

 उत्तर-(a)

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित सराय नाहर राय, महदहा तथा दमदमा का उत्खनन हुआ है। दमदमा में लगातार पांच वर्षों तक कथा व उत्खनन के फलस्वरूप पश्चिमी तथा मध्यवर्ती क्षेत्रों से कुल मिलाकर 41 मानव शवाधान ज्ञात हुए है। इन शवाधानों में से 5 शवाधान युग्म शवधान है और एक शवाधान में 3 मानव कंकाल एक साथ मिले हैं। शेष शवाधानों में एक-एक कंकाल मिले हैं। 

9. खाद्यान्नों की कृषि सर्वप्रथम प्रारंभ हुई थी -
(U.P.P.C.S. Mains 2005)
(a) नवपाषाण काल में
(b) मध्यपाषाण काल में
(c) पुरापाषाण काल में
(d) प्रोटोऐतिहासिक काल में

 उत्तर-(a) 

खाद्यान्नों का उत्पादन सर्वप्रथम नवपाषाण काल में हुआ। यही वह समय है, जब मनुष्य कृषि कर्म से परिचित हुआ।

10. भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य कहां मिलता है? 
(Uttarakhand P.C.S. Pre 2006)
 (a) नीलगिरि पहाड़ियां
 (b) नल्लमाला पहाड़ियां
 (c) शिवालिक पहाड़ियां 
 (d) नर्मदा घाटी  

 उत्तर-(d) 

भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य नर्मदा घाटी में अवस्थित 'हथनौरा' (सिहोर, म.प्र.) नामक पुरास्थल से प्राप्त हुआ। इसकी खोज पुरातत्वविद् अरुण सोनकिया द्वारा वर्ष 1982 में की गई थी। 


11. प्रथम मानव जीवाश्म भारत की किस नदी घाटी से प्राप्त हुआ था?
(66th B.P.S.C. Re-Exam 2020)
 (a) गंगा नदी 
 (b) यमुना घाटी
 (c) नर्मदा घाटी
 (d) ताप्ती घाटी

 उत्तर -(c) 

12. मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था-
(U.P.P.C.S. Pre 1997)
 (a) गेहूं
 (b) जौ
 (c) चावल
 (d) बाजरा 

 उत्तर-(b)  

आधुनिक मानव समाज द्वारा मुख्य रूप से 8 खाद्य अनाजों का उपभोग किया गया है-जौ, गेहूं, चावल, मक्का, बाजरा, सौरघम, राई एवं जई। अनाजों के पौधे विभिन्न क्षेत्रों में जंगली घास के रूप में विद्यमान थे, जिन्हें बीजों के रूप में अलग-अलग क्षेत्र में, अलग-अलग समय पर मानव ने उगाया। वैश्विक दृष्टि से देखा जाए, तो सर्वप्रथम जौ (Bar- ley) 8000 ई. पू. के आस-पास भूमध्य सागर एवं ईरान के मध्य स्थित पश्चिमी एशिया के देश में मानव द्वारा उगाया गया। बाद में लगभग इन्हीं क्षेत्रों में 8000 ई.पू. के आस-पास ही गेहूं (Wheat) भी उगाया जाने लगा। 


13. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं- 
(U.P. Lower Sub. Pre 2004, 2008)
 (a) कोलडिहवा से 
 (b) लहुरादेव से 
 (c) मेहरगढ़ से
 (d) टोकवा से 

 उत्तर-(b)  

नवीनतम खोजों के आधार पर भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित लहुरादेव है। यहां से 9000 ई.पू. से 7000 ई.पू. तक के बीच चावल के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इस नवीनतम खोज के पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप का प्राचीनतम कृषि साक्ष्य वाला स्थल मेहरगढ़ (पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित; यहां से 7000 ई.पू. के गेहूं के साक्ष्य मिले है), जबकि प्राचीनतम चावल के साक्ष्य वाला स्थल कोलडिहवा (प्रयागराज जिले में बेलन नदी के तट पर स्थित; यहां से 6500 ई.पू. के चावल की भूसी के साक्ष्य मिले हैं) माना जाता था। उपरोक्त संदर्भों में अब यदि विकल्प में लहुरादेव रहता है, तो उपयुक्त विकल्प वही होगा परंतु लहुरादेव के विकल्प में न होने की स्थिति में इसका उत्तर मेहरगढ़ होगा। 


14. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं- 
(U.P.P.C.S. Mains 2010)
 (a) ब्रह्मगिरि से 
 (b) कोलडिहवा से
 (c) बुर्जहोम से 
 (d) मेहरगढ़ से 

उत्तर-(d) 


15. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य कहां से प्राप्त हुए हैं? 
(U.P.P.C.S. Mains 2007)
 (a) लोथल 
 (b) मेहरगढ़
 (c) हड़प्पा
 (d) मुंडिगाक

उत्तर-(b)


16. नवपाषाण युग में भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में निम्नलिखित में से किस स्थान पर कृषि के अभ्युदय के प्रारंभिक प्रमाण प्राप्त हुए हैं? 
(Chhattisgarh P.S.C. Pre 2017)
 (a) मुंडिगाक
 (b) मेहरगढ़
 (c) दम्ब सादत
 (d) बालाकोट 
 (e) अमरी 

 उत्तर-(b)


17. भारत में पशुपालन एवं कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं-
(64th B.P.S.C. Pre 2018)
 (a) अंजिरा से
 (b) दम्ब सदात से
 (c) किले गुल मुहम्मद से 
 (d) मेहरगढ़ से
 (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक  

 उत्तर-(d)


18. उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
 1. इस प्रदेश के अनेक उत्खनित पुरास्थलों से वैश्विक संदर्भ में कृषि के प्राचीनतम प्रमाण प्राप्त हुए हैं।
 2. प्राचीनतम प्राप्त कृषि अन्न जौ और धान हैं। 
 नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए- 
(U.P.R.O./A.R.O. Pre. 2021)
 (a) केवल 1
 (b) केवल 2
 (c) 1 और 2 दोनों 
 (d) न तो 1 न ही 2  

उत्तर-(c) 

उत्तर प्रदेश प्रागैतिहासिक काल से ही समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का धनी रहा है। ध्यातव्य है कि प्रदेश की बेलन नदी घाटी क्षेत्र में स्थित कोल्डिहवा को लंबे समय तक विश्व में धान की खेती का प्राचीनतम प्रमाण माना जाता रहा है। इसी तरह वर्तमान में धान की खेती का प्राचीनतम प्रमाण प्रस्तुत करने वाला लहुरादेव भी उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले का ही भाग है। अतः कथन (1) सही है। उत्तर प्रदेश के अनेक उत्खनित स्थलों से प्राप्त प्राचीनतम कृषि अन्न जौ एवं धान के साक्ष्य महगड़ा एवं धान के साक्ष्य कोल्डिहवा से प्राप्त हुए हैं। 


19. उस स्थल का नाम बताइए, जहां से प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण मिले हैं? 
(U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008)
 (a) धौलावीरा
 (c) कालीबंगा
 (b) किले गुल मुहम्मद 
 (d) मेहरगढ़

 उत्तर-(d) 

दिए गए विकल्पों में प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण सर्वप्रथम बलूचिस्तान के कच्छी मैदान स्थित मेहरगढ़ से मिले हैं। जिसकी प्रामाणिक तिथि लगभग सातवीं सहस्राब्दी ईसा पूर्व (7000 ई.पू.) है, जबकि किले गुल मुहम्मद एवं कालीबंगा की प्राचीनतम तिथि क्रमशः 4000 ई.पू. एवं 3500 ई.पू. है। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है। 


20. निम्नलिखित में से किन स्थानों से मध्यपाषाण काल में पशुपालन के प्रमाण मिलते हैं?
(U.P.P.C.S. Pre 2018)
 (a) औदे 
 (b) बोरी
 (c) बागोर 
 (d) लखनियां

 उत्तर-(c) 

मध्यपाषाण काल से पशुपालन के साक्ष्य प्राप्त होने लगते हैं। पशुपालन के प्रारंभिक साक्ष्य मध्य प्रदेश में नर्मदापुरम के निकट आदमगढ़ पुरास्थल और राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित बागोर से मिलते हैं। 


21. निम्नलिखित में से किसको चालकोलिथिक युग भी कहा जाता है?
(44th B.P.S.C. Pre 2000) 
 (a) पुरापाषाण युग
 (b) ताम्रपाषाण युग 
 (c) नवपाषाण युग
 (d) लौह युग

 उत्तर-(b) 

22. आहड़ सभ्यता के बारे में निम्न कथनों पर विचार कीजिए- 
 1. आहड़वासी तांबा गलाना जानते थे। 
 2. ये लोग चावल से परिचित नहीं थे।
 3. धातु का काम आहड़वासियों की अर्थव्यवस्था का एक साधन था।
 4. यहां से काले-लाल रंग के मृद्मांड मिले हैं, जिन पर सामान्यतः सफेद रंग से ज्यामितीय आकृतियां उकेरी गईं हैं। 
सही विकल्प का चयन कीजिए- 
(R.AS./R.T.S. Pre 2021)
 (a) 1, 3 एवं 4 सही हैं। 
 (b) 1 एवं 2 सही हैं।
 (c) 1, 2 एवं 3 सही हैं।
 (d) 3 एवं 4 सही हैं। 

 उत्तर-(a) 

अहाड़ दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान में स्थित एक प्रमुख ताम्र पाषाणिक संस्कृति स्थल है। अहाड़ संस्कृति के लोग मूलतः कृषक एवं पशुपालक थे। वे गेहूं, जौ तथा चावल से परिचित थे। अहाड़ का एक अन्य नाम 'तांबवती' (तांबा वाला स्थान) भी मिलता है, जिससे सूचित होता है कि यहां तांबा बहुतायत में उपलब्ध था। यहां के निवासी तांबे को गलाकर मनचाही वस्तुएं तैयार करते थे। धातु का काम अहाड़वासियों की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख साधन था। यहां से काले-लाल रंग के मृद्मांड की प्राप्ति हुई है, जिन पर सामान्यतः सफेद रंग से ज्यामितीय आकृतियां उकेरी गई हैं।


23. निम्न में से किस एक पुरास्थल से पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के सांस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं?
(U.P.P.C.S. Pre 2008)
(a) आम्री
(b) मेहरगढ़
(c) कोटदीजी
(d) कालीबंगा

उत्तर-(b)

बलूचिस्तान (पाकिस्तान) में स्थित पुरास्थल मेहरगढ़ से पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के सांस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं।

24. नवदाटोली का उत्खनन किसने किया था?
(U.P. Lower Sub. Spl. Pre 2009)
(a) के.डी. बाजपेयी ने
(b) वी.एस. वाकंकड़ ने
(c) एच.डी. सांकलिया ने
(d) मार्टिमर ह्वीलर ने

उत्तर-(c)

नवदाटोली (मध्य प्रदेश) का उत्खनन डेक्कन कॉलेज, पूना के प्रोफेसर एच.डी. सांकलिया ने कराया था। यह स्थल इस महाद्वीप का सबसे विस्तृत उत्खनित ताम्रपाषाणिक स्थल है, जिसकी तिथि लगभग ई. पू. 1500 से 1300 के मध्य निर्धारित की गई है।

25. नवदाटोली किस राज्य में अवस्थित है?
(U.P.P.C.S. Mains 2009)
(a) गुजरात
(b) महाराष्ट्र
(c) छत्तीसगढ़
(d) मध्य प्रदेश

उत्तर-(d)

26. वृहत्पाषाण स्मारकों की पहचान की गई है -
(U.P.P.C.S. Mains 2005)
(a) संन्यासी गुफाओं के रूप में
(b) मृतक को दफनाने के स्थान के रूप में
(c) मंदिर के रूप में
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर-(b)

नवपाषाण युगीन दक्षिण भारत में शवों को विभिन्न प्रकार की समाधियों में दफनाने की परंपरा विद्यमान थी। इन समाधियों को जो विशाल पाषाण खंडों से निर्मित हैं, वृहत्पाषाण या मेगालिथ (Megalith) के नाम से जाना जाता है। इनके विभिन्न प्रकार हैं; जैसे- सिस्ट-समाधि, पिट सर्किल, कैर्न-सर्किल, डोल्मेन, अंब्रेला-स्टोन, हुङ-स्टोन, कंदराएं, मेहिर।

27. 'राख का टीला' निम्नलिखित किस नवपाषाणिक स्थल से संबंधित है?
(U.P.P.C.S. Mains 2009)
 (a) बुदिहाल
 (b) संगनकल्लू 
 (c) कोलडिहवा 
 (d) ब्रह्मगिरि 

 उत्तर-(b) 

कर्नाटक में मैसूर के पास बेल्लारी जनपद में स्थित संगनकल्लू नामक नवपाषाण कालीन पुरास्थल से 'राख के टीले' प्राप्त हुए हैं।


28. 'भीमबेटका' किसके लिए प्रसिद्ध है? 
(M.P.P.C.S. Spl.Pre 2004)
 (a) गुफाओं के शैल चित्र 
 (b) खनिज
 (c) बौद्ध प्रतिमाएं
 (d) सोन नदी का उपागम स्थल 

 उत्तर-(a) 

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के अब्दुल्लागंज के समीप स्थित भीमबेटका प्रागैतिहासिक शैल चित्रकला का श्रेष्ठ उदाहरण है। इन गुफाओं में जीवन के विविध रंगों को पेंटिंग के रूप में उकेरा गया, जिनमें हाथी, सांभर, हिरन आदि के चित्र हैं। अब तक लगभग 700 शिलाश्रय की पहचान की जा चुकी हैं, जिसमें 500 में चित्र पाए गए हैं। 


29. निम्न में से कौन-सा स्थल प्रागैतिहासिक चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है? 
(Uttarakhand U.D.A./L.D.A. Mains 2007, U.P.P.C.S. Mains 2011)
 (a) अजंता 
 (b) बाघ 
 (c) भीमबेटका 
 (d) अमरावती 

 उत्तर-(c)  


30. भीमबेटका की गुफाएं कहां स्थित हैं? 
(M.P.P.C.S. Pre 2013)
 (a) भोपाल
 (b) पंचमढ़ी
 (c) सिंगरौली
 (d) अब्दुल्लागंज-रायसेन 

 उत्तर-(d) 

31. भारत में किस शिलाश्रय से सर्वाधिक चित्र प्राप्त हुए हैं? 
(U.P.P.C.S. Pre 2008 )
 (a) घघरिया
 (b) भीमबेटका 
 (c) लेखाहिया
 (d) आदमगढ़ 

 उत्तर-(b) 


32. निम्नलिखित में से किस भारतीय पुरातत्ववेत्ता ने पहली बार 'भीमबेटका गुफा' को देखा और उसके शैलचित्रों के प्रागैतिहासिक महत्व को खोजा ? 
(U.P.P.C.S. Pre 2020)
 (a) माधो स्वरूप वत्स
 (b) वी.एस. वाकणकर 
 (c) एच.डी. संकालिया
 (d) वी.एन. मिश्रा 

 उत्तर-(b) 

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका प्रागैतिहासिक शैल चित्रकला का श्रेष्ठ उदाहरण है। इसकी खोज वर्ष 1957 में वी.एस. वाकणकर ने की थी। यूनेस्को ने भीमबेटका शैल चित्रों को विश्व विरासत स्थल की सूची में सम्मिलित किया है। 

33. भीमबेटका को किसने खोजा था? 
(M.P.P.C.S. Pre 2020)
 (a) डॉ. एच. डी. सांखलिया 
 (b) डॉ. श्याम सुंदर निगम
 (c) डॉ. विष्णुधर वाकणकर
 (d) डॉ. राजबली पाण्डेय 

 उत्तर-(c)


34. गैरिक मृद्मांड पात्र (ओ.सी.पी.) का नामकरण हुआ था- 
(U.P.P.C.S. Mains 2006)
 (a) हस्तिनापुर में
 (c) नोंह में
 (b) अहिच्छत्र में
 (d) लाल किला में 

 उत्तर-(a) 

गंगा-यमुना दोआब की सांस्कृतिक परंपरा संभवतः उस संस्कृति के साथ शुरू होती है, जिसे अपने अत्यंत विशिष्ट मृद्मांड के नमूने के कारण गैरिक मृद्मांड (OCP) कहा गया। इस मृद्मांड परंपरा के पात्र सर्वप्रथम हस्तिनापुर की खुदाई के दौरान प्रकाश में आए थे। वर्ष 1950-52 के दौरान हस्तिनापुर नामक पुरास्थल की खुदाई बी.बी. लाल के निर्देशन में हुई थी।


35. ताम्राश्म काल में महाराष्ट्र के लोग मृतकों को घर के फर्श के नीचे किस तरह रखकर दफनाते थे?
(U.P.P.C.S. Pre 1997)
 (a) उत्तर से दक्षिण की ओर
 (b) पूर्व से पश्चिम की ओर
 (c) दक्षिण से उत्तर की ओर
 (d) पश्चिम से पूर्व की ओर 

 उत्तर-(a) 

महाराष्ट्र की ताम्रपाषाण कालीन संस्कृति (जोर्वे संस्कृति) के नेवासा, दैमाबाद, चंदोली, इनामगांव आदि पुरास्थलों में मृतकों को उत्तर से दक्षिण दिशा में घरों के फर्श के नीचे दफनाए जाने के साक्ष्य मिले हैं। कब्र में मिट्टी की हंडियां और तांबे की कुछ वस्तुएं भी रखी जाती थीं। 

36. निम्नलिखित में से किस स्थल से मानव कंकाल के साथ कुत्ते का कंकाल भी शवाधान से प्राप्त हुआ है? 
(U.P. Lower Sub.Pre 2008)
 (a) ब्रह्मगिरि 
 (b) बुर्जहोम 
 (c) चिरांद
 (d) मास्की 

 उत्तर-(b) 

जम्मू एवं कश्मीर में श्रीनगर के निकट स्थित बुर्जहोम से नवपाषाणिक अवस्था में मानव कंकाल के साथ कुत्ते का कंकाल भी शवाधान से प्राप्त हुआ है। गर्तावास (गड्डों वाले घर) भी यहां की प्रमुख विशेषता है। 


37. निम्नलिखित में से किस स्थान पर मानव के साथ कुत्ते को दफनाए जाने का साक्ष्य मिला है?
(Uttarakhand P.C.S.Pre 2010)
 (a) बुर्जहोम
 (b) कोलडिहवा 
 (c) चोपानी-मांडो
 (d) मांडो 

 उत्तर- (a) 


38. गर्त आवास के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं- 
(U.P.P.C.S.Mains 2011)
 (a) बुर्जहोम से 
 (c) ब्रह्मगिरि से 
 (b) कोलडिहवा से 
 (d) संगनकल्लू से

 उत्तर-(a)

39. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
 (ऐतिहासिक स्थान) (ख्याति का कारण)
 1. बुर्जहोम : शैलकृत देव मंदिर
 2. चंद्रकेतुगढ़ : टेराकोटा कला
 3. गणेश्वर : ताम्र कलाकृतियां
 उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/कौन-से सही सुमेलित है/हैं?
(I.A.S. (Pre) 2021)
 (a) केवल 1
 (b) 1 और 2
 (c) केवल 3
 (d) 2 और 3

उत्तर-(d)

बुर्जहोम नामक नवपाषाणिक पुरास्थल जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में अवस्थित है। इस पुरास्थल की खोज वर्ष 1935 में डी. टेरा एवं पीटरसन ने की थी। इस पुरास्थल से 'गर्तावास' के साक्ष्यों की प्राप्ति हुई है। चंद्रकेतुगढ़ पश्चिम बंगाल प्रांत में स्थित एक प्रमुख ऐतिहासिक पुरातात्विक पुरास्थल है, जो विद्याधरी नदी के तट पर अवस्थित है। यहां से ऐतिहासिक काल के टेराकोटा कला के कई उदाहरण प्राप्त हुए हैं, जो तत्कालीन शिल्प कौशल की एक असामान्य विशेषता प्रदर्शित करता है। गणेश्वर, राजस्थान प्रांत में स्थित एक प्रमुख ताम्र पाषाणिक पुरास्थल है। इस पुरास्थल की खोज राजस्थान विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर रतनचंद्र अग्रवाल ने की थी। इस पुरास्थल से दोहरी पेंचदार शिरेवाली ताम्र बाणाग्र, मछली पकड़ने का कांटा तथा विभिन्न प्रकार के मृद्मांड प्राप्त हुए हैं।

40. विंध्य क्षेत्र के किस शिलाश्रय से सर्वाधिक मानव कंकाल मिले हैं?
(U.P.P.C.S. Pre 2016)
(a) मोरहना पहाड़
(c) बघही खोर
(b) घघरिया
(d) लेखहिया

उत्तर-(d)

डॉ. जे.एन. पाण्डेय की पुस्तक 'पुरातत्व विमर्श' के अनुसार, विंध्य क्षेत्र के लेखहिया के शिलाश्रय संख्या 1 से मध्यपाषाणिक लघु पाषाण उपकरणों के अतिरिक्त 17 मानव कंकाल प्राप्त हुए हैं, जिनमें से कुछ सुरक्षित हालत में हैं तथा अधिकांश क्षत-विक्षत अवस्था में प्राप्त हुए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के ओरेगॉन विश्वविद्यालय के जॉन आर. लुकास के अनुसार, लेखहिया में कुल 27 मानव कंकालों की अस्थियां मिली हैं।

41. नीचे दो कथन दिए गए हैं, एक को अभिकथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है।
अभिकथन (A): विध्य क्षेत्र के पाषाण युगीन लोगों ने नूतन भूतल काल के अंत में गंगा घाटी में प्रव्रजन किया।
कारण (R): जलवायु परिवर्तन के कारण इस काल में शुष्कता का चरण था।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(U.P.R.O./A.R.O. Mains 2016)
कूट :
(a) A और R दोनों सही हैं तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
(b) A और R दोनों सही हैं, परंतु R, A की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) A सही है, परंतु R गलत है।
(d) A गलत है, परंतु R सही है।

उत्तर-(a)

जी.आर. शर्मा ने सराय नाहर राय में खुदाई के बाद यह अवधारणा दी कि नूतन भूतल काल के अंत में सूखे के कारण विध्यन क्षेत्र में भोजन की कमी के कारण लोगों ने गंगा घाटी क्षेत्र में प्रवास किया था।

42. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण निम्नलिखित विभागों/मंत्रालयों में से किसका संलग्न कार्यालय है?
(Jharkhand P.C.S. Pre 2011)
(a) संस्कृति
(b) पर्यटन
(c) विज्ञान और प्रौद्योगिकी
(d) मानव संसाधन विकास

उत्तर-(a)

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक विभाग है।

43. 'भारतीय पुरातत्व का जनक' किसे कहा जाता है?
(M.P.P.C.S. Pre 2017)
(a) अलेक्जेंडर कनिंघम
(b) जॉन मार्शल
(c) मार्टीमर ह्वीलर
(d) जेम्स प्रिंसेप

उत्तर-(a)

अलेक्जेंडर कनिंघम (1814-1893 ई.) को एक ब्रिटिश सेनाधिकारी के रूप में बंगाल इंजीनियर ग्रुप के साथ काम करने के लिए तैनात किया गया था। उन्हें ही 'भारतीय पुरातत्व के जनक' के रूप में जाना जाता है।

44. राष्ट्रीय मानव संग्रहालय कहां पर है?
(M.P. P.C.S. Pre 1997)
(a) गुवाहाटी
(b) भोपाल
(c) बस्तर
(d) चेन्नई

उत्तर-(b)

राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, जिसका नाम बदलकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय कर दिया गया है, भोपाल (म.प्र.) में स्थित है। यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत स्वायत्तशासी संगठन है।

45. मानव सभ्यता के विकास की कहानी दर्शाने वाला, देश का सबसे बड़ा संग्रहालय, इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय कहां स्थित है?
(M.P.P.C.S.Pre 2019)
(a) भोपाल
(b) नई दिल्ली
(c) मुंबई
(d) अहमदाबाद

उत्तर-(a)



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