ᗎहालांकि भारत में पहली बार सहायक संधि का प्रयोग फ़्रांसिसी गवर्नर डूप्ले ने शुरू किया था ।
ᗎइसलिए भारत में सहायक संधि का जनक डूप्ले को कहा जाता है ।
सहायक संधि-
लॉर्ड वेलेजली ने अंग्रेजो की तरफ से भारत में सहायक संधि की शुरुआत की थी ।
सहायक संधि के अंतर्गत निम्नलिखित बातें रखी गई थी-
ᗎदेशी रियासत के राजा को अपनी रियासत में अंग्रेज अधिकारी के नेतृत्व वाली सैन्य टुकड़ी रखनी होगी इसका खर्च भी वहां के देसी रियासत के राजा उठाएंगे , अंग्रेज उस रियासत की सुरक्षा करेंगे ।
ᗎसहायक संधि के अंतर्गत यह भी बात रखी गई कि राजा अंग्रेजों की अनुमति के बिना दूसरे किसी राजा से बात नहीं करेगा ।
ᗎअंग्रेज रियासत के आंतरिक मामले में दखल नहीं देंगे ।
ᗎसहायक संधि के तहत सर्वप्रथम आने वाला राज्य हैदराबाद था ।
ᗎ1798 में हैदराबाद के निजाम अली ने सहायक संधि की थी ।
ᗎवाडयार वंश के राजा ने 1799 में सहायक संधि कर ली थी ।
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तंजोर- 1799
अवध- 1801
पेशवा- 1802
भोंसले- 1803
सिंधिया- 1803
वेलेजली के समय ही टीपू सुल्तान चौथे आँग्ल-मैसूर युद्ध (1799 ई.) में मारा गया ।
लार्ड वेलेजली ने अपने आप को बंगाल का शेर कहा ।
लार्ड वेलेजली के काल में ही द्वितीय आंग्ल मराठा संघर्ष हुआ ।
लार्ड वेलेजली के समय लोक सेवकों को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से कलकत्ता में सन 1800 ई. में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की गयी इसके प्रथम प्रिंसिपल हेनरी T. कोलब्रुक थे ।
ᗎइस कॉलेज को कोर्ट ऑफ डायरेक्टर के विरोध के चलते 1802 ई. में बंद कर दिया गया
लार्ड वेलेजली के काल में 1801 ई. में मद्रास प्रेसीडेंसी का गठन हुआ ।
वेलेजली ने 1802 अधिनियम की धारा- 4 के तहत बाल हत्या पर रोक लगाई ।
वेलेजली ने ईसाई संत मार्श , कैरी तथा वार्ड को कोलकाता से बाहर निकाल दिया था ।
ᗎइसी कारण से वेलेजली को ईसाई मिशनरियों का विध्वंसक तथा ईस्ट इंडिया कंपनी का अकबर कहाँ जाता हैं ।
वेलेजली 1805 में वापिस इंग्लैंड चला गया तथा कार्नवालिस को पुनः गवर्नर जनरल बनाकर भेजा गया
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