Uttarakhand Gk Part 2

चंद वंश - गोरखा शासन - पवार वंश - ब्रिटिश उत्तराखंड 


वह चंद शासक जो हमेशा चाटुकारों से घिरा रहता था, जिसके कारण उसे कुमाऊँ का मोम्मद बिन तुगलक भी कहा जाता है- देवी चंद 

किस वर्ष, राजा कल्याण चंद के समय में कुमाऊँ पर रुहेलों ने आक्रमण किया था- 1743-44 ई . में 

अल्मोड़ा में घर - घर पूजा जाने वाला प्रसिद्ध देवता ' गंगनाथ था- चंद वंशी राजकुमार 

डोके प्रथा जो कि घास के लिए थी यह प्रथा किस क्षेत्र में प्रचलित थी- पिथौरागढ़ में 

किस जाति को गोरखा राजाओं ने सुब्बा की उपाधि से विभूषित किया था- राई जाति को 

किस वर्ष सीरा में मल्लो का प्राचीनतम अभिलेख प्राप्त हुआ था- सन् 1353 ई . में 

लक्ष्मीचंद किन मुगल बादशाहों के समकालीन था- अकबर तथा जहाँगीर के 

किस चंद शासक को लखुली विराली उपनाम से जाना जाता है- लक्ष्मीचंद को

किस चंद शासक के समय में कुमाऊँ के तराई प्रदेश में मुगल बादशाह की शह पाकर कटेहरियों ने अधिकार करना प्रारंभ किया था- बाज बहादुर चंद के समय में  

किस चंद शासक ने मुगल बादशाह बहादुर शाह के पास बहुमूल्य / कीमती चीजें भेजी थी- जगत चंद ने 

यह किससे ज्ञात होता है कि दिल्ली के सुल्तानों एवं मुगल बादशाहों के साथ चंदवंशीय राजाओं के सम्बन्ध थे- सिक्को से 

किनके द्वारा अवध के नवाब मंसूर अली खाँ के सिक्के कुमाऊँ में लाए गए थे- रुहेलों द्वारा

किस वर्ष में गंगोलीहाट के कालिका मन्दिर के पास से देवदार वृक्षों के झुरमुट के नीचे एक व्यक्ति को जमीन के अन्दर घड़े में तीन सौ ताँबे के सिक्के मिले थे- 1982 में 

चंद शासको के किन ताम्रपत्रों में रुपयों व पैसो का उल्लेख मिलता है- 1.लक्ष्मीचंद के मूनाकोट ताम्रपत्र में तथा 2.जगत चंद के बरम व झिझाड़ ताम्रपत्र में 

गढ़वाल के वह तीन राजा जिनके द्वारा सिक्के ढालने का उल्लेख मिलता है- फतेहपतिशाह , प्रदीपशाह , व प्रद्युम्नशाह 

चंद राजाओं के ताम्रपत्रों की भाषा क्या है- नेपाली मिश्रित कुमाऊँनी ( जिसे जन भाषा भी कहते हैं ) 

चंद शासन काल में राजा के बाद सवोच्च अधिकारी कौन होता था- युवराज 

उत्तराखण्ड में किन शासकों के समय में महरा व फर्त्याल राजा के परामर्शदाता होते थे- चंदो के समय में 

चंद शासनकाल में दीवान कौन होते थे- जोशी 

किस अभिलेख में शिवदेव जोशी को ' बगसी ( बक्सी ) कहाँ गया है- दीपचंद के सैण मानपुर पट्टाभिलेख में, जो कि 1765 का है

बलिराम चौधरी तथा बिजैराम साहु प्रसिद्ध लेखक किस चंद के शासनकाल के समय में थे- कल्याणचंद के समय 

चंद शासन काल में समूचा राज्य - प्रशासन मंडलों में विभक्त था मंडल दो प्रकार के होते थे- 1. सामंतो के अधीन मंडल , 2. राजा द्वारा शासित मंडल 

चंद वंश के समय में ' सीकदार या सरीदार कौन होता था- नागरिक परगने का अधिकारी 

चंद शासनकाल में कैनी नामक खसिये का क्या कार्य होता था- भंडारों में जमा अनाज को राजा के पास पहुचाना 

गर्खे के प्रशासक को चंद शासनकाल में क्या कहा जाता था- नेगी 

' कोटाल और पहरी ( प्रहरी ) चंद वंश में किसके अधीन होते थे- प्रधान के 

वह ऊँचे पहाड़ जहाँ फाँसी दी जाती थी क्या कहलाता था- शूली का डाणा 

चंद शासनकाल में कैनी होते थे- खेत में काम करने वाले गुलाम 

चंद राजाओं के समय में 36 किस्म के राजकर होते थे जिन्हे कहा जाता था- छत्तीसी 

कुमाऊँ के चतुर्वर्णीय समाज में ब्रह्मणों के तीन वर्ग मिलते है जो कि है- चैथानी , पंच बिड़िया और खस ब्राह्मण 

बागेश्वर का शिव मंदि मूलतः कत्यूरी राजाओं द्वारा बनवाया गया था इसका जीर्णोद्वार किस चंद शासक ने करवाया था- लक्ष्मीचंद ने

उत्तराखण्ड के किस स्थान पर मढ़ कर सूर्य मन्दिर स्थित है- पिथौरागढ़ में 

अकबरनामा के अनुसार रुद्रचंद अकबर से लाहौर में कब मिला था- 18 दिसंबर 1588 में 

डा . सी . एम . अग्रवाल के अनुसार बाजबहादुर चन्द किस वर्ष मुगल सम्राट औरंगजेब से मिला था- 1662 में  

किसके अनुसार चंदो के समय में थानवान जमीन का मालिक होता था- एटकिन्सन के अनुसार 

उत्तराखण्ड के किस स्थान पर गोरखनाथ पंथ के सन्यासी सतनाथ का अवास स्थल था- देवलगढ़ , श्रीनगर में 

उत्तराखण्ड में किस स्थान पर भगवान गणेश जी की नृत्य करती हुई मूर्ति स्थित है- जोशीमठ में 

' दिग्लौरी दैट वॉज गूजर देश यह रचना किसकी है- श्री कन्हैला लाल माणिकलाल मुंशी की 

किसके अनुसार परमार वंश का संस्थापक अजयपाल था- राहुल सांस्कृत्यायन के अनुसार 

किस ग्रंथ में अजयपाल को आदिनाथ कहकर संबोधित किया है- साँवरी ग्रंथ में

उत्तराखण्ड के किस मन्दिर में अजयपाल का एक पद्मासन की मुद्रा में चित्र बना है- देवलगढ़ के विष्णु मन्दिर में 

देव प्रयाग के किस मन्दिर में सहजपाल ने एक घन्टी को चढ़ाया था- रघुनाथ मन्दिर में 

चंद शासक लक्ष्मीचंद ने गढ़वाल पर सात बार असफल आक्रमण किस परमार शासक के समय में किये थे- मानशाह के शासनकाल में 

मानशाह के किस सेनापति ने कुमाऊँ की राजधानी पर अधिकार किया था- सेनापति नन्दी ने 

वह परमार शासक जिसने सिलासारी नामक ग्राम में भूमि का एक अंश शिवनाथ जोगी को दान किया था - श्याम शाह 

पंवार वंश के किस शासक ने तिब्बत पर तीन बार आक्रमण किया था- मानशाह ने 

किस वर्ष खलीतुल्ला के नेतृत्व में दिल्ली की सेनाओं ने गढ़वाल राज्य की सीमाओं को घेरा था- 1665 ई . तथा  1662 ई . में 

किस स्थान पर मेदिनीशाह की मृत्यु हई थी- दिल्ली में 

किस पंवार शासक का चित्र ' शिवाजी और गुरु गोबिन्द साहिब की तरह घोड़े पर बैठा हुआ चित्र मिलता है- फतेहशाह का 

किस पंवार शासक ने बिलासपुर के शासक राजा भीमचन्द के पुत्र से अपनी कन्या का विवाह किया था- फतेहशाह ने

किस वर्ष गुरु गोबिन्द सिहँ जी तथा फतेहशाह के मध्य में भैंगणी का युद्ध हुआ था- सन् 1688 में 

' छन्दसागर पिंगल में किस पंवार शासक की तुलना शिवाजी से की गई है- फतेहशाह की 

फतेहशाह ने गुरुद्वारे की आय हेतु कौन से तीन गाँव भेट किए थे- खुड़बुड़ा , राजपुर तथा चामासारी 

किस वर्ष में ललितशाह के समय में सिक्खों ने दून क्षेत्र में दो बार हमला किया था- 1775 एवं 1778 ई . में 

1717 ई . में किस व्यक्ति ने राजा दीपचन्द के जीवित रहते हुए स्वयं को कुमाऊँ नरेश घोषित किया था- मोहन सिह रौतेला ने 

जयकृत शाह , प्रद्युम्नशाह , पराक्रमशाह तथा प्रीतमशाह चार पुत्र किस पंवार शासक के थे- ललितशाह के 

जयकृत शाह की कितनी रानियाँ उसके पार्थिव देह के साथ सती हुई थी- चार 

किसके अनुसार पराक्रमशाह ने गढ़वाली कवि मोलाराम की गणिका को छीन लिया तथा उनकी जागीर भी हड़प ली थी- गढ़ गीता संग्राम के अनुसार ( मोलाराम )

किस इतिहासकार के अनुसार प्रद्युम्नशाह , कीर्तिशाह के समय में गढ़वाल के प्रधानमंत्री थे- हरीकृष्ण रतूड़ी जी के अनुसार 

किस इतिहासकाल ने प्रद्युम्नशाह के शासनकाल को कुशासन एवं निर्धरता की खोह में डूबा हुआ बताया है- शिव प्रसाद डबराल जी ने

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ