CACP | कृषि लागत और मूल्य आयोग

 CACP 
COMMISSION FOR AGRICULTURAL COSTS & PRICES

पूरा नाम- कृषि लागत और मूल्य आयोग ( Commission for Agricultural Costs & Prices )

स्थापना- जनवरी 1965

मुख्यालय - दिल्ली 

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत कार्यरत   

पूर्व में इसका नाम Agricultural Prices Commission ( कृषि मूल्य आयोग ) था ।

1985 से इसे CACP कहा जाने लगा ।


संगठनात्मक संरचना

*अध्यक्ष 

*सदस्य सचिव 

*एक आधिकारिक सदस्य 

*दो गैर आधिकारिक सदस्य

*ये सदस्य कृषि समुदाय के प्रतिनिधि होते हैं ।


CACP के कार्य

CACP हर साल 25 कमोडिटीज ( वस्तुओं ) की MSP ( न्यूनतम समर्थन मूल्य ) की सिफारिश करती है जिसमें 7 अनाज , 5 दाल , 7 तिलहन और 4 वाणिज्यिक फसल शामिल हैं ।

CACP प्रत्येक वर्ष 5 वस्तु समूहों खरीफ , रबी , गन्ना रॉ जूट ( Raw Jute ) और नारियल / गरी ( Copra ) के लिए अलग - अलग Price Policy Reports के रूप में अपनी सिफारिश सौंपती है ।

CACP Price Policy Reports ' तैयार करने से पहले राज्य सरकार राष्ट्रीय संगठन ( जैसे- FCI , NAFED ) ट्रेडर्स ऑर्गेनाइजेशन प्रमुख केंद्रीय मंत्रालय का दृष्टिकोण जानने के लिए एक व्यापक प्रश्नावली भेजती है और इनके साथ बैठक भी करती है ।

आयोग किसानों द्वारा सामना किए जा रहे विभिन्न कृषि बाजार एवं उत्पादकता संबंधी बाधाओं के मूल्यांकन के लिए राज्यों का दौरा भी करता है ।

उसके बाद इन सभी इनपुट्स के आधार पर CACP अपनी रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंप देती है ।

सरकार CACP की रिपोर्ट्स को संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों एवं राज्य सरकार को भेज देती है ।

इनसे फीडबैक मिलने के बाद केंद्रीय सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ( Cabinet Committee on Economic Affairs ) CACP की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लेती है ।





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