अनुसूची- 9
इसके अंतर्गत उन कानूनों का उल्लेख है जिन्हें न्यायपालिका में चुनौती नहीं दी जा सकती है ।
प्रथम संविधान संशोधन द्वारा 1951 में नौवीं अनुसूची जोड़ी गई अंतरिम संसद द्वारा किया गया यह एकमात्र संशोधन है ।
कामेश्वर सिंह बनाम बिहार राज्य 1951 के मामले में पटना उच्च न्यायालय ने बिहार के भूमि सुधार कानून को रद्द कर दिया था ।
शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ 1951 के मामले में प्रथम संविधान संशोधन को चुनौती दी गई चुनौती खारिज कर दी गई ।
✴️नौवीं अनुसूची में 284 कानून है ।
केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य 1973 के मामले में 13 न्यायाधीशों की संविधान पीठ का गठन किया गया ।तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एस. एम. सीकरी इस पीठ के अध्यक्ष थे । यह भारत की अब तक की सबसे बड़ी संविधान पीठ थी । 24 अप्रैल 1973 को इस मामले में संविधान पीठ ने 6 - 7 से निर्णय दिया । इस मामले में यह निर्णय लिया गया कि, 24 अप्रैल 1973 के बाद यदि कोई नया कानून 9 वीं अनुसूची में शामिल किया गया और यदि वह कानून संविधान की आधारभूत संरचना का उल्लंघन करता है तो इसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है ।
नानी पल्खीवाला इस मामले में केशवानंद भारती के वकील थे ।
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